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SPECIAL: पुलिस विभाग में नियुक्ति का इंतजार, आरक्षक भर्ती प्रक्रिया पर लगा ग्रहण - constable recruitment in rajnandgaon

राजनांदगांव में 3 साल पहले हुई पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया पर अब भी ग्रहण लगा हुआ है. इन तीन सालों में सरकार बदल गई, लेकिन फिजिकल और रिटन एग्जाम निकाल चुके अभ्यर्थी अब तक पुलिस डिपार्टमेंट में ज्वॉइनिंग का इंतजार कर रहे हैं.

police constable recruitment process
पुलिस विभाग में नियुक्ति का इंतजार
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Published : Jun 22, 2020, 10:22 AM IST

Updated : Jun 22, 2020, 12:13 PM IST

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में खाकी वर्दी पहनने का सपना देखने वाले अभ्यर्थियों को 3 साल बाद भी सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. आज भी उन्हें एक अदद ज्वॉइनिंग लेटर का इंतजार है, लेकिन शासन की लेटलतीफी के कारण उनका ये सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय से 22 सौ पदों पर निकाली गई भर्ती प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है.

पुलिस विभाग में नियुक्ति का इंतजार

रिटेन और फिजिकल टेस्ट के बाद भी नहीं हुई आरक्षक भर्ती

प्रदेश में तत्कालीन बीजेपी सरकार के समय साल 2017 में पुलिस मुख्यालय से 22 सौ पदों पर आरक्षक भर्ती निकाली गई. जिसके लिए पूरे प्रदेश से करीब 3 लाख शिक्षित बेरोजगारों ने अप्लाई किया. इनमें 65 हजार अभ्यर्थियों का सेलेक्शन हुआ. इनका रिटेन और फिजिकल एग्जाम भी हुआ, लेकिन उसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, जबकि इस पूरे मामले को 3 साल हो चुके हैं.

police constable recruitment process
पुलिस विभाग में नियुक्ति का इंतजार

सरकारों में फंसी भर्ती प्रक्रिया

2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई. इस सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की भर्ती प्रक्रिया में कई सारे नियम-कानून का हवाला देते हुए आरक्षण भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी. सरकार बदलने के बाद भी बेरोजगारों के हाथ खाली हैं, जिससे वे निराश हो गए हैं.

हाईकोर्ट के आदेश को भी किया दरकिनार
पुलिस मुख्यालय से निकाली गई भर्ती प्रक्रिया पर कांग्रेस सरकार ने सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद इस मामले को लेकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट की शरण में गए. हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से राज्य सरकार को आदेश दिया कि 90 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया जाए, लेकिन ये अवधि भी फरवरी 2020 में खत्म हो गई. इसके बावजूद हाईकोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित नहीं किया गया. इसके चलते अब ये सभी ठगा सा महसूस कर रहे हैं.


पढे़ं: SPECIAL: कोरोना ने छीनी रेस्टोरेंट्स की रौनक, खाली पड़ी कुर्सियां


भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार जल्द से जल्द आरक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करे. लंबे समय से इंतजार करके ये थक चुके हैं और उनकी माली हालत भी खराब हो चुकी है. वहीं कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण भी कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. कई प्राइवेट संस्थानों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इधर आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में पात्र होने के बाद भी नौकरी का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य शासन जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करे, ताकि उनका मनोबल नहीं टूटे.

गृह मंत्रालय को भी दी जानकारी
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि आरक्षक भर्ती प्रक्रिया की पूरी जानकारी गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को दी जा चुकी है, इसके बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला. युवक-युवतियों का कहना है कि सरकार को बेरोजगारों को रोजगार देने की दिशा में काम करना चाहिए.

पढ़ें: जल संरक्षण के लिए आगे आए ग्रामीण, कुओं को पुर्नजीवित करने का कर रहे प्रयास

'कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर'
भाजपा युवा नेता और पूर्व पार्षद रोहित गुप्ता का कहना है कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी कम करने के लिए आरक्षक भर्ती निकाली थी, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया, जबकि कांग्रेस सत्ता में आने से पहले अपने घोषणापत्र में एक लाख लोगों को रोजगार देने का वादा करके आई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद अब वह बेरोजगारों को ही भूल चुकी है.

छत्तीसगढ़ आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में लेटलतीफी से अभ्यर्थियों में आक्रोश है. इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समय रहते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रुख अपना सकते हैं.

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में खाकी वर्दी पहनने का सपना देखने वाले अभ्यर्थियों को 3 साल बाद भी सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. आज भी उन्हें एक अदद ज्वॉइनिंग लेटर का इंतजार है, लेकिन शासन की लेटलतीफी के कारण उनका ये सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय से 22 सौ पदों पर निकाली गई भर्ती प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है.

पुलिस विभाग में नियुक्ति का इंतजार

रिटेन और फिजिकल टेस्ट के बाद भी नहीं हुई आरक्षक भर्ती

प्रदेश में तत्कालीन बीजेपी सरकार के समय साल 2017 में पुलिस मुख्यालय से 22 सौ पदों पर आरक्षक भर्ती निकाली गई. जिसके लिए पूरे प्रदेश से करीब 3 लाख शिक्षित बेरोजगारों ने अप्लाई किया. इनमें 65 हजार अभ्यर्थियों का सेलेक्शन हुआ. इनका रिटेन और फिजिकल एग्जाम भी हुआ, लेकिन उसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, जबकि इस पूरे मामले को 3 साल हो चुके हैं.

police constable recruitment process
पुलिस विभाग में नियुक्ति का इंतजार

सरकारों में फंसी भर्ती प्रक्रिया

2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई. इस सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की भर्ती प्रक्रिया में कई सारे नियम-कानून का हवाला देते हुए आरक्षण भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी. सरकार बदलने के बाद भी बेरोजगारों के हाथ खाली हैं, जिससे वे निराश हो गए हैं.

हाईकोर्ट के आदेश को भी किया दरकिनार
पुलिस मुख्यालय से निकाली गई भर्ती प्रक्रिया पर कांग्रेस सरकार ने सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद इस मामले को लेकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट की शरण में गए. हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से राज्य सरकार को आदेश दिया कि 90 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया जाए, लेकिन ये अवधि भी फरवरी 2020 में खत्म हो गई. इसके बावजूद हाईकोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित नहीं किया गया. इसके चलते अब ये सभी ठगा सा महसूस कर रहे हैं.


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भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार जल्द से जल्द आरक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करे. लंबे समय से इंतजार करके ये थक चुके हैं और उनकी माली हालत भी खराब हो चुकी है. वहीं कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण भी कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. कई प्राइवेट संस्थानों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इधर आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में पात्र होने के बाद भी नौकरी का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य शासन जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करे, ताकि उनका मनोबल नहीं टूटे.

गृह मंत्रालय को भी दी जानकारी
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि आरक्षक भर्ती प्रक्रिया की पूरी जानकारी गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को दी जा चुकी है, इसके बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला. युवक-युवतियों का कहना है कि सरकार को बेरोजगारों को रोजगार देने की दिशा में काम करना चाहिए.

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'कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर'
भाजपा युवा नेता और पूर्व पार्षद रोहित गुप्ता का कहना है कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी कम करने के लिए आरक्षक भर्ती निकाली थी, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया, जबकि कांग्रेस सत्ता में आने से पहले अपने घोषणापत्र में एक लाख लोगों को रोजगार देने का वादा करके आई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद अब वह बेरोजगारों को ही भूल चुकी है.

छत्तीसगढ़ आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में लेटलतीफी से अभ्यर्थियों में आक्रोश है. इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समय रहते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रुख अपना सकते हैं.

Last Updated : Jun 22, 2020, 12:13 PM IST
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