राजनांदगांव: पुलिस-प्रशासन ने हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है. हेलमेट नहीं पहनने वालों पर दोगुना जुर्माना वसूलने का फरमान भी जारी किया गया है. इसे लेकर बुधवार को महापौर हेमा देशमुख ने एसपी जितेंद्र शुक्ल से मुलाकात की और हेलमेट लगाने की अनिवार्यता को खत्म करने की मांग की.
गौरतलब है कि सड़क हादसे में अधिकतर मौतों की वजह हेलमेट नहीं लगाना बनता है, क्योंकि हेलमेट नहीं लगाने से सिर की सुरक्षा नहीं हो पाती. इसे देखते हुए दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट लगाना बहुत जरूरी है. इसी वजह से राजनांदगांव पुलिस-प्रशासन ने यहां हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया है, साथ ही एसपी ने हेलमेट नहीं लगाने पर दोगुना जुर्माना वसूलने का फरमान भी जारी किया है.
हेलमेट की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की
इस मामले को लेकर महापौर सहित 12 पार्षद एसपी जितेंद्र शुक्ल से मिले. महापौर हेमा देशमुख का कहना है कि शहरी इलाके में हेलमेट की आवश्यकता कम है. उन्होंने कहा कि तकरीबन एक महीने से लोगों की आय का जरिया बंद है, ऐसी स्थिति में हेलमेट खरीदने के लिए अतिरिक्त बोझ डालना ठीक नहीं है.
एसपी ने हेलमेट की अनिवार्यता को यथावत रखने की बात कही
एसपी जितेंद्र शुक्ल ने जनप्रतिनिधियों के किसी भी तर्क को मानने से साफ इनकार कर दिया. उऩ्होंने सभी तर्कों को 'गंदा तर्क है' कहकर खारिज कर दिया. उनका कहना था कि गाड़ी खरीदते समय अपनी सुरक्षा के लिए सभी को हेलमेट लेना होता है. उन्होंने कहा कि हेलमेट हमेशा से अनिवार्य रहा है और हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह में भी इसे लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है, जबकि लॉकडाउन तो अभी करीब महीनेभर से ही है. उन्होंने कहा कि हेलमेट लगाना खुद दोपहिया चलाने वाले व्यक्ति की सुरक्षा के लिए जरूरी है.