राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा राजनांदगांव में है, लेकिन यहां के हालात देख लगता है कि सरकार ने यहां के लोगों को ऐसे ही छोड़ दिया है. यहां शहर के कुछ वार्ड ऐसे हैं जो कोरोना के साथ-साथ गंदगी से भी जंग लड़ रहे हैं. शहर सरकार ने गरीब लोगों के लिए अटल आवास योजना के तहत घर तो बनाकर दे दी, लेकिन मूलभूत सुविधा देना भूल गई. आज लोग कहीं बिजली, कहीं गंदी नाली, तो कहीं खराब सड़कों से जूझ रहे हैं. कई बार शिकायत के बावजूद भी निगम प्रशासन इन परेशानियों को दूर करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. कोरोना के साथ-साथ अब लोगों को अन्य बीमारी का खतरा भी बना रहता है.
शहर के वार्ड क्रमांक 35 के बैगा पारा में करीब डेढ़ सौ परिवार रहता है. इस इलाके में रहने वाले लोग कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं. कई इलाकों में न तो ठीक से बिजली आती है, तो पानी आ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी रहवासियों को गंदे नाली से होती है. पानी निकासी की व्यवस्था ठीक से नहीं होने के चलते नालियों में पानी जमा हो जाता है. ये जाम पानी से कई तरह की बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. कई लोग कोरोना से तो नहीं पर कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो चुके हैं. वार्डवासियों ने कई बार निगम अधिकारी को लिखित में शिकायत भी दी है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
पढ़ें- SPECIAL: ऐतिहासिक सिटी कोतवाली की दीवारों के साथ खत्म हो गई स्वतंत्रता सेनानियों की यादें
अटल आवास योजना के तहत निगम ने बनाए थे घर
नगर निगम ने बैगा पारा में अटल आवास योजना के तहत निर्माण कराया गया था. यहां पर नगर निगम को बिजली, पानी और सड़क सहित सर्व सुविधा युक्त कॉलोनी निर्माण कर गरीब-तबके के लोगों को आवंटित करना था. निर्माण कार्य में शुरुआती दौर पर हुई लापरवाही और नगर निगम के अधिकारियों की सांठगांठ के चलते अटल आवास आज समस्याओं का घर बन चुका है. सड़कें खस्ताहाल है, नालियां गंदगी से जाम हो चुकी है. घर आवंटित करने के बाद निगम ने यहां झांक कर तक नहीं देखा. इन सभी परेशानियों के साथ वार्डवासी ऐसे हालात में रहने को मजबूर हैं.
पानी की समस्या
वार्ड के लोगों को कहना है कि यहां पर नगर निगम को सबसे पहले पीने के शुद्ध पानी की व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन नलों की कमी के चलते यहां के लोगों को पीने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता. बावजूद इसके नगर निगम न तो यहां पर सार्वजनिक कनेक्शन की संख्या बढ़ा पाया है और न ही पेयजल को लेकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है. पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए भी वार्डवासियों को जद्दोजहद करना पड़ता है.
कई खंभों की बत्ती गुल
कॉलोनी में देर शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है. खंभों की लाइटें खराब हो चुकी है, जिसे अबतक नहीं बदला गया है. लाइट नहीं होने के चलते रहवासियों के बीच थोड़ा असुरक्षा का भाव भी बना रहता है. इस मामले में पार्षद से भी शिकायत की गई थी, लेकिन परेशानी का अबतक हल नहीं हुआ.
पढ़ें- छत्तीसगढ़ की नवदुर्गा: 'जब आप अपने काम से किसी की मदद करते हैं, सुकून मिलता है'
खोदकर छोड़ दी गई सड़क
रहवासियों ने बताया कि नए नल कनेक्शन के लिए पाइप लाइन बिछाने के नाम पर सड़क को खोद दिया गया और बिना मरम्मत किए ही इसे छोड़ दिया गया है. शिकायत करने पर निगम अधिकारियों ने कहा था कि पाइप लाइन बिछाने के बाद ही सड़कों की मरम्मत की जाएगी, लेकिन पाइपलाइन बिछाने के महीनों बाद भी सड़के ऐसें ही उखड़ी हुई पड़ी है.
पार्षद ने कही ये बात
शहर के वार्ड क्रमांक 33 में तकरीबन 4000 की आबादी है. इनमें अटल आवास के रहवासियों की संख्या 800 से ऊपर है. अब भी वार्ड के कई काम अधूरे पड़े हुए हैं. वहीं पार्षद दुलारी बाई साहू का कहना है कि वार्ड में लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं. सड़क निर्माण जहां पर अधूरा है उसे पूरा करने के लिए नगर निगम में प्रस्ताव दिया गया है. जल्द ही वार्ड की सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा. वहीं बिजली, पानी की समस्या अटल आवास से आ रही थी इन समस्याओं को दूर कर दिया गया है.