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कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने में लोग नहीं ले रही रुचि - Vaccination in village of Rajnandgaon

राजनांदगांव में कोरोना वैक्सीनेशन चिंता का विषय बन गया है. ग्रामीण इलाकों में लोग सेकंड डोज लेने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रयास के बाद भी गांव में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो गई है.

People are not interested in taking second dose of Corona Vaccination in rajnadgaon
कोरोना वैक्सीनेशन
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Published : May 12, 2021, 1:47 PM IST

राजनांदगांव : केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन का काम 6 महीने के अंदर पूरा करने का टारगेट स्वास्थ्य विभाग को दिया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम वैक्सीनेशन के काम पर जुटी हुई है. शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का काम जारी है. जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के वैक्सीनेशन का टारगेट गड़बड़ा है. वैक्सीनेशन की कमी की नहीं बल्की लोगों की रुचि कम होना इसकी वजह है. गांव में लोग पहला डोज तो लगवा रहे हैं, लेकिन दूसरा डोज लेने नहीं पहुंच रहे हैं. लगभग 32 हजार ऐसे लोग है जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के लिए ये चिंता का विषय बन गया है.

42 दिन के भीतर वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया जाना है. इसके बाद ही एंटीबॉडी शरीर में बनना शुरू होगी, लेकिन इन सबके बीच वैक्सीन का सेकंड डोज लगवाने से लोग कतरा रहे हैं. 32 हजार लोग अब तक वैक्सीन की सेकंड डोज लेने से पीछे हट चुके हैं. इधर डॉक्टर्स का कहना है कि वैक्सीनेशन को तभी पूरा माना जाएगा जब लोग सेकंड डोज लगवा लेंगे.

वैक्सीनेशन का कार्य ग्रामीण क्षेत्र में एक चुनौती बन गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग को शहरी क्षेत्र से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. शहरी क्षेत्र में वैक्सीनेशन के लिए रोज सैंटरो में लंबी कतार लग रही है. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद लोग अपनी बारी का देर तक इंतजार करने के बाद वैक्सीन लगा रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने की छत्तीसगढ़ में कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा


गांव में मुनादी का भी असर नहीं

पंचायतों में गांव-गांव में मुनादी कराई जा रही है. संबंधित सेंटर में पहुंचकर वैक्सीन की डोज लगानी है ऐसा प्रचार प्रसार किया जा रहा है. पंचायतों की ओर से घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित भी किया जा रहा है कि वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है. तमाम कोशिशों के बाद भी गिनती के लोग वैक्सीनेशन सेंटर पहुंच रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में सेंटर में रोज वैक्सीन की डोज खराब हो रही है. ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी हुई है. डॉक्टर का कहना है कि शहरी क्षेत्र में लोग वैक्सीनेशन को लेकर के आगे हैं और रुचि लेकर वैक्सीनेशन करवा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर मौत के मामले सामने आ रहे हैं. वही संक्रमण का दायरा भी बढ़ता जा रहा है. क

जिले में वैक्सीनेशन का हाल

जिले में 68 वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीनेशन को लेकर के स्वास्थ्य काफी प्रयास कर रहा है. स्वास्थ विभाग की ओर से जिले में 60 साल या फिर इससे अधिक उम्र वालों के लिए 68 वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए हैं. एक सेंटर में 100 डोज के हिसाब से दिन भर में 6800 लोगों को वैक्सीन लगाया जाना है. गिनती के 1084 लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं. 861 सेकंड डोज और पहले डोज वाले 223 शामिल है.

राजनांदगांव में कोरोना संक्रमण में कमी, स्वास्थ्य विभाग ने ली राहत की सांस


वैक्सीनेशन से ही होगा बचाओ

सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रुचि लेकर वैक्सीन लगवाना चाहिए. खासकर 60 साल से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने की ज्यादा जरूरत है. वैक्सीन लगने के बाद शरीर में एंटीबॉडी तेजी से बनेगी जिससे संक्रमण से लड़ने कि शरीर में क्षमता पैदा होगी. यह एकमात्र उपाय है जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ा जा सकता है. वैक्सीनेशन कराने से जिले की बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी स्वस्थ हो सकती है.

राजनांदगांव : केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन का काम 6 महीने के अंदर पूरा करने का टारगेट स्वास्थ्य विभाग को दिया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम वैक्सीनेशन के काम पर जुटी हुई है. शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का काम जारी है. जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के वैक्सीनेशन का टारगेट गड़बड़ा है. वैक्सीनेशन की कमी की नहीं बल्की लोगों की रुचि कम होना इसकी वजह है. गांव में लोग पहला डोज तो लगवा रहे हैं, लेकिन दूसरा डोज लेने नहीं पहुंच रहे हैं. लगभग 32 हजार ऐसे लोग है जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के लिए ये चिंता का विषय बन गया है.

42 दिन के भीतर वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया जाना है. इसके बाद ही एंटीबॉडी शरीर में बनना शुरू होगी, लेकिन इन सबके बीच वैक्सीन का सेकंड डोज लगवाने से लोग कतरा रहे हैं. 32 हजार लोग अब तक वैक्सीन की सेकंड डोज लेने से पीछे हट चुके हैं. इधर डॉक्टर्स का कहना है कि वैक्सीनेशन को तभी पूरा माना जाएगा जब लोग सेकंड डोज लगवा लेंगे.

वैक्सीनेशन का कार्य ग्रामीण क्षेत्र में एक चुनौती बन गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग को शहरी क्षेत्र से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. शहरी क्षेत्र में वैक्सीनेशन के लिए रोज सैंटरो में लंबी कतार लग रही है. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद लोग अपनी बारी का देर तक इंतजार करने के बाद वैक्सीन लगा रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने की छत्तीसगढ़ में कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा


गांव में मुनादी का भी असर नहीं

पंचायतों में गांव-गांव में मुनादी कराई जा रही है. संबंधित सेंटर में पहुंचकर वैक्सीन की डोज लगानी है ऐसा प्रचार प्रसार किया जा रहा है. पंचायतों की ओर से घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित भी किया जा रहा है कि वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है. तमाम कोशिशों के बाद भी गिनती के लोग वैक्सीनेशन सेंटर पहुंच रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में सेंटर में रोज वैक्सीन की डोज खराब हो रही है. ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी हुई है. डॉक्टर का कहना है कि शहरी क्षेत्र में लोग वैक्सीनेशन को लेकर के आगे हैं और रुचि लेकर वैक्सीनेशन करवा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर मौत के मामले सामने आ रहे हैं. वही संक्रमण का दायरा भी बढ़ता जा रहा है. क

जिले में वैक्सीनेशन का हाल

जिले में 68 वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीनेशन को लेकर के स्वास्थ्य काफी प्रयास कर रहा है. स्वास्थ विभाग की ओर से जिले में 60 साल या फिर इससे अधिक उम्र वालों के लिए 68 वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए हैं. एक सेंटर में 100 डोज के हिसाब से दिन भर में 6800 लोगों को वैक्सीन लगाया जाना है. गिनती के 1084 लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं. 861 सेकंड डोज और पहले डोज वाले 223 शामिल है.

राजनांदगांव में कोरोना संक्रमण में कमी, स्वास्थ्य विभाग ने ली राहत की सांस


वैक्सीनेशन से ही होगा बचाओ

सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रुचि लेकर वैक्सीन लगवाना चाहिए. खासकर 60 साल से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने की ज्यादा जरूरत है. वैक्सीन लगने के बाद शरीर में एंटीबॉडी तेजी से बनेगी जिससे संक्रमण से लड़ने कि शरीर में क्षमता पैदा होगी. यह एकमात्र उपाय है जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ा जा सकता है. वैक्सीनेशन कराने से जिले की बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी स्वस्थ हो सकती है.

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