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ट्यूशन फीस के नाम पर वसूल रहे पूरी फीस, प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों की फीस वसूली से छात्रों के परिजन परेशान नजर आ रहे हैं. परिजनों का कहना है कि उनको फीस कम करने के लिए न सरकार से और न ही कोर्ट से राहत मिली.

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Published : Aug 14, 2020, 12:45 PM IST

Parents protest
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की वजह से किए लॉकडाउन के बाद स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं है. ऐसे में प्राइवेट स्कूल बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, जिससे पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन बच्चों के परिजनों के लिए लॉकडाउन के बीच फीस की वसूली सिरदर्द बन चुका है. अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर पूरी फीस उनसे वसूल रहे हैं.

स्कूल प्रबंधन की मनमानी को लेकर अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई है और फीस वसूल करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. पालक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि ट्यूशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं, जो कि गलत है.

निजी स्कूल पर पूरी फीस लेने का आरोप

बीते दिनों प्राइवेट स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद से प्राइवेट स्कूलों और अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अभिभावकों का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश जारी करने के बाद निजी स्कूल उनसे अब मोटी फीस वसूल रहे हैं.

पढ़ें:अभिभावकों का आरोप, ट्यूशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूल वसूल रहे मोटी रकम

शिक्षा विभाग पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप

जिला पालक संघ के पदाधिकारी ने शनिवार को जिला शिक्षा कार्यालय का घेराव करते हुए प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. पालकों ने स्कूल प्रबंधन पर फीस न देने पर बच्चों को टीसी देने की धमकी देने का आरोप लगाया है. हालांकि अब तक शिक्षा विभाग ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की है.

पढ़ें: रायपुर: निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली से अभिभावक परेशान, कोर्ट से भी नहीं मिली मदद

शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हो पालन

पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नजरुल खान का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद से प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी करने पर उतर आए हैं, इसके बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से कहीं बड़ा है शिक्षा अधिकार अधिनियम जिसका पालन नहीं किया जा रहा है. इस बारे मेम जब मीडिया ने स्कूल जिला शिक्षा अधिकारी पीएस सोम से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की वजह से किए लॉकडाउन के बाद स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं है. ऐसे में प्राइवेट स्कूल बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, जिससे पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन बच्चों के परिजनों के लिए लॉकडाउन के बीच फीस की वसूली सिरदर्द बन चुका है. अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर पूरी फीस उनसे वसूल रहे हैं.

स्कूल प्रबंधन की मनमानी को लेकर अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई है और फीस वसूल करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. पालक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि ट्यूशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं, जो कि गलत है.

निजी स्कूल पर पूरी फीस लेने का आरोप

बीते दिनों प्राइवेट स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद से प्राइवेट स्कूलों और अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अभिभावकों का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश जारी करने के बाद निजी स्कूल उनसे अब मोटी फीस वसूल रहे हैं.

पढ़ें:अभिभावकों का आरोप, ट्यूशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूल वसूल रहे मोटी रकम

शिक्षा विभाग पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप

जिला पालक संघ के पदाधिकारी ने शनिवार को जिला शिक्षा कार्यालय का घेराव करते हुए प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. पालकों ने स्कूल प्रबंधन पर फीस न देने पर बच्चों को टीसी देने की धमकी देने का आरोप लगाया है. हालांकि अब तक शिक्षा विभाग ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की है.

पढ़ें: रायपुर: निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली से अभिभावक परेशान, कोर्ट से भी नहीं मिली मदद

शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हो पालन

पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नजरुल खान का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद से प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी करने पर उतर आए हैं, इसके बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से कहीं बड़ा है शिक्षा अधिकार अधिनियम जिसका पालन नहीं किया जा रहा है. इस बारे मेम जब मीडिया ने स्कूल जिला शिक्षा अधिकारी पीएस सोम से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

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