खैरागढ़: पंचायत सचिवों ने अपने आंदोलन के 15वें दिन सरकार को नींद से जगाने के लिए नगाड़ा बजाया है. एक सूत्रीय मांग को लेकर आयोजित बेमियादी हड़ताल मेंं पंचायत सचिव सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं. इससे पहले यज्ञ और लोगों के सामने भीख मांगकर अपना विरोज दर्ज करा चुके हैं.
शनिवार को पंचायत सचिवों के साथ रोजगार सहायक भी अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. अध्यक्ष जागेश्वर धनकर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम करने वाले प्रदेश के लगभग 11 हजार पंचायत सचिव काम कर रहे हैं. कर्मचारी 25 साल से शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रदेश सरकार सुध नहीं ले रही है. 26 नवंबर से पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं.
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हमारे सहयोग के बिना सरकार एक पत्ता तक नहीं हिला सकती
किशोर निषाद, रमेंश वर्मा, खुमान यादव ने कहा कि व्यक्ति के जनम से लेकर मृत्यु तक शासकीय योजनाओ का लाभ देने का काम पंचायत सचिव कर रहे हैं. उनकी मेहनत के चलते ही पंचायत विभाग को दर्जनों अवार्ड मिलते हैं. पंद्रह दिन के आंदोलन से 29 विभाग बंद है. यानी बिना पंचायत सचिवों के सरकार एक पत्ता तक नहीं हिला सकती है.
ब्लॉकों मेंं क्रमबद्ध हो रहा आंदोलन
ब्लॉक अध्यक्ष जोगेश्वर धनकर ने बताया कि यह क्रमबद्ध आंदोलन का आयोजन केवल खैरागढ़ ब्लॉक मेंं नहीं बल्कि जिले के सभी ब्लॉकों में किया जा रहा है. जिलास्तर पर नए साल के पहले दिन से ही संगठन ने रूपरेखा तैयार किया था. उसके अनुसार ही आंदोलन किया जा रहा है.
रोजगार सहायक भी डटे हुए
एसडीएम कार्यालय के पास ही अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे रोजगार सहायक भी सचिव संघ का आंदोलन में पूरा साथ दे रहे हैं. हांलाकि रोजगार सहायक अपनी तीन सूत्रीय मांगों को आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सचिवों के पंडाल के बगल में होने की वजह से एक साथ सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं.