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जानकारी के बदले मिली गांव से निकालने धमकी और 10 हजार का जुर्माना - Right to information

राजनांदगांव जिले के करवारी पंचायत में आबादी भूमि, घास भूमि के क्षेत्रफल, बांटे गए पट्टों के बारे में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाकर जानकारी मांगना एक शख्स को महंगा पड़ गया. पंचायत के सरपंच ने शख्स पर गांव से निकालने की धमकी देने के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

Penalty fined for information seeking panchayat
पंचायत ने जानकारी मांगने वाले पर जुर्माना
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Published : Jun 18, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 7:43 PM IST

राजनांदगांव: जिले के करवारी ग्राम पंचायत में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगना एक शख्स को महंगा पड़ गया. सूचना के बदले शख्स को गांव निकासी की धमकी के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ गया.

जानकारी के बदले 10 हजार का जुर्माना

दरअसल, भूषण सिन्हा नाम के एक शख्स ने गांव की आबादी भूमि, घास भूमि का क्षेत्रफल, बांटे गए पट्टों पर अवैध कब्जा के संबंध में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पंचायत में आवेदन लगाकर इसकी जानकारी मांगी थी, लेकिन पंचायत की ओर से भूषण सिन्हा को कोई सूचना नहीं दी गई. साथ ही गांव के सरपंच नंदलाल नेताम और पंचों ने भरी पंचायत में भूषण सिन्हा को धमकी भरे लहजे में कहा कि इस पंचायत में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी लेना सख्त मना है. इसके अलाव सरपंच ने जानकारी मांगने वाले भूषण सिन्हा को 10 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुना दी.

पढ़ें: वन्य प्राणियों के इलाज के लिए रायपुर और बिलासपुर में बनेंगे अत्याधुनिक अस्पताल

गांव से बहिष्कार की धमकी

पंचायत के सरपंच और पंचों ने भूषण सिन्हा को अपना आवेदन वापस नहीं लेने की स्थिती में गांव से बहिष्कृत कर देने की धमकी भी दी गई है. साथ ही उसके घर में ताला लगाने की बात कही गई है. सरपंच नन्दलाल नेताम पर आरोप है कि जब से वो सरपंच बना है, लगातार गांव में मनमानी करता है. इसके अलावा अवैध रेत खनन कर सरकारी निर्माण करना का भी नंदलाल पर आरोप है.

आवेदक ने प्रशासन से की शिकायत

आवेदक भूषण सिन्हा ने मामले की शिकायत SDM अविनाश भोई और एसडीओपी से की है. मामले में आवेदक ने न्याय की गुहार लगाई गई है. साथ ही मांगी गई सूचना भी दिलाने की मांग की है. इधर, सरपंच का कहना है कि गांव में पहले से यह नियम बना हुआ है, कि कोई भी शख्स पंचायत से जानकारी नहीं मांगेगा.

राजनांदगांव: जिले के करवारी ग्राम पंचायत में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगना एक शख्स को महंगा पड़ गया. सूचना के बदले शख्स को गांव निकासी की धमकी के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ गया.

जानकारी के बदले 10 हजार का जुर्माना

दरअसल, भूषण सिन्हा नाम के एक शख्स ने गांव की आबादी भूमि, घास भूमि का क्षेत्रफल, बांटे गए पट्टों पर अवैध कब्जा के संबंध में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पंचायत में आवेदन लगाकर इसकी जानकारी मांगी थी, लेकिन पंचायत की ओर से भूषण सिन्हा को कोई सूचना नहीं दी गई. साथ ही गांव के सरपंच नंदलाल नेताम और पंचों ने भरी पंचायत में भूषण सिन्हा को धमकी भरे लहजे में कहा कि इस पंचायत में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी लेना सख्त मना है. इसके अलाव सरपंच ने जानकारी मांगने वाले भूषण सिन्हा को 10 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुना दी.

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गांव से बहिष्कार की धमकी

पंचायत के सरपंच और पंचों ने भूषण सिन्हा को अपना आवेदन वापस नहीं लेने की स्थिती में गांव से बहिष्कृत कर देने की धमकी भी दी गई है. साथ ही उसके घर में ताला लगाने की बात कही गई है. सरपंच नन्दलाल नेताम पर आरोप है कि जब से वो सरपंच बना है, लगातार गांव में मनमानी करता है. इसके अलावा अवैध रेत खनन कर सरकारी निर्माण करना का भी नंदलाल पर आरोप है.

आवेदक ने प्रशासन से की शिकायत

आवेदक भूषण सिन्हा ने मामले की शिकायत SDM अविनाश भोई और एसडीओपी से की है. मामले में आवेदक ने न्याय की गुहार लगाई गई है. साथ ही मांगी गई सूचना भी दिलाने की मांग की है. इधर, सरपंच का कहना है कि गांव में पहले से यह नियम बना हुआ है, कि कोई भी शख्स पंचायत से जानकारी नहीं मांगेगा.

Last Updated : Jun 18, 2020, 7:43 PM IST
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