राजनांदगांव: जिले के करवारी ग्राम पंचायत में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगना एक शख्स को महंगा पड़ गया. सूचना के बदले शख्स को गांव निकासी की धमकी के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ गया.
दरअसल, भूषण सिन्हा नाम के एक शख्स ने गांव की आबादी भूमि, घास भूमि का क्षेत्रफल, बांटे गए पट्टों पर अवैध कब्जा के संबंध में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पंचायत में आवेदन लगाकर इसकी जानकारी मांगी थी, लेकिन पंचायत की ओर से भूषण सिन्हा को कोई सूचना नहीं दी गई. साथ ही गांव के सरपंच नंदलाल नेताम और पंचों ने भरी पंचायत में भूषण सिन्हा को धमकी भरे लहजे में कहा कि इस पंचायत में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी लेना सख्त मना है. इसके अलाव सरपंच ने जानकारी मांगने वाले भूषण सिन्हा को 10 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुना दी.
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गांव से बहिष्कार की धमकी
पंचायत के सरपंच और पंचों ने भूषण सिन्हा को अपना आवेदन वापस नहीं लेने की स्थिती में गांव से बहिष्कृत कर देने की धमकी भी दी गई है. साथ ही उसके घर में ताला लगाने की बात कही गई है. सरपंच नन्दलाल नेताम पर आरोप है कि जब से वो सरपंच बना है, लगातार गांव में मनमानी करता है. इसके अलावा अवैध रेत खनन कर सरकारी निर्माण करना का भी नंदलाल पर आरोप है.
आवेदक ने प्रशासन से की शिकायत
आवेदक भूषण सिन्हा ने मामले की शिकायत SDM अविनाश भोई और एसडीओपी से की है. मामले में आवेदक ने न्याय की गुहार लगाई गई है. साथ ही मांगी गई सूचना भी दिलाने की मांग की है. इधर, सरपंच का कहना है कि गांव में पहले से यह नियम बना हुआ है, कि कोई भी शख्स पंचायत से जानकारी नहीं मांगेगा.