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राजनांदगांव: कोरोना संक्रमण की वजह से मंदिर में ही भगवान ने किया नौकाविहार - etv bharat

राजनांदगांव में इस साल जलझूलनी एकादशी के दिन भगवान को मंदिर में ही नौका विहार कराया गया. हर साल शहर भर के भगवान श्रीकृष्ण मंदिरों से नौका विहार के लिए रानी सागर जलाशय में भगवान की प्रतिमा लाई जाती थी. इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से मंदिर में ही नौका विहार कराया गया.

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भगवान ने किया नौकाविहार
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Published : Aug 30, 2020, 9:40 AM IST

राजनांदगांव: कोरोना संक्रमण से केवल इंसान ही प्रभावित नहीं हुआ है अब इस के प्रकोप से भगवान भी नहीं बच पा रहे हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने भगवान श्रीकृष्ण के नौका विहार पर ब्रेक लगा दिया है. इसकी वजह से वर्षो से चली आ रही नौकाविहार की प्रथा को कृत्रिम जलाशय बनाकर किया गया.

भगवान ने किया नौकाविहार

पढ़ें- 400 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित, कलेक्टर ने किया राहत कार्य का निरीक्षण

कोरोना ने तोड़ी परंपरा

God boated in the temple due to corona infection in rajnandgaon
भगवान ने किया नौकाविहार

राजनांदगांव के सभी राधा-कृष्ण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा जलझूलनी एकादशी के अवसर पर शहर के रानी सागर जलाशय में नौका विहार करती आ रही है. यह परंपरा तकरीबन 200 साल पुरानी है, जिसे शहर के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी निभा रहे हैं.कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से इस बार यह परंपरा टूट गई है. भगवान श्रीकृष्ण को इस बार मंदिर परिसर में ही कृत्रिम जलाशय का निर्माण कर स्नान कराया गया है. सत्यनारायण मंदिर समिति के संयुक्त तत्वाधान में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को जलक्रीड़ा कराया गया है. जलक्रीड़ा के पहले भगवान श्रीकृष्ण नगर भ्रमण करने के बाद मंदिर पहुंचे जहां पर एक कृत्रिम जलाशय का निर्माण कर उन्हें जल क्रीड़ा कराया गया है.

कोरोना प्रोटोकॉल के चलते बदली व्यवस्था

इस मामले में सत्यनारायण मंदिर समिति से जुड़े अशोक लोहिया का कहना है कि तकरीबन 200 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन संस्कारधानी के लोग कर रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य शासन ने जो प्रोटोकाल निर्धारित किया है. इस वजह से इस बार भगवान श्रीकृष्ण की जलक्रीड़ा कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया है. इसके तहत रानी सागर में जल क्रीड़ा न कराकर एक कृत्रिम जलाशय का निर्माण करके इस रस्म को पूरा किया गया.

राजनांदगांव: कोरोना संक्रमण से केवल इंसान ही प्रभावित नहीं हुआ है अब इस के प्रकोप से भगवान भी नहीं बच पा रहे हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने भगवान श्रीकृष्ण के नौका विहार पर ब्रेक लगा दिया है. इसकी वजह से वर्षो से चली आ रही नौकाविहार की प्रथा को कृत्रिम जलाशय बनाकर किया गया.

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कोरोना ने तोड़ी परंपरा

God boated in the temple due to corona infection in rajnandgaon
भगवान ने किया नौकाविहार

राजनांदगांव के सभी राधा-कृष्ण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा जलझूलनी एकादशी के अवसर पर शहर के रानी सागर जलाशय में नौका विहार करती आ रही है. यह परंपरा तकरीबन 200 साल पुरानी है, जिसे शहर के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी निभा रहे हैं.कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से इस बार यह परंपरा टूट गई है. भगवान श्रीकृष्ण को इस बार मंदिर परिसर में ही कृत्रिम जलाशय का निर्माण कर स्नान कराया गया है. सत्यनारायण मंदिर समिति के संयुक्त तत्वाधान में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को जलक्रीड़ा कराया गया है. जलक्रीड़ा के पहले भगवान श्रीकृष्ण नगर भ्रमण करने के बाद मंदिर पहुंचे जहां पर एक कृत्रिम जलाशय का निर्माण कर उन्हें जल क्रीड़ा कराया गया है.

कोरोना प्रोटोकॉल के चलते बदली व्यवस्था

इस मामले में सत्यनारायण मंदिर समिति से जुड़े अशोक लोहिया का कहना है कि तकरीबन 200 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन संस्कारधानी के लोग कर रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य शासन ने जो प्रोटोकाल निर्धारित किया है. इस वजह से इस बार भगवान श्रीकृष्ण की जलक्रीड़ा कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया है. इसके तहत रानी सागर में जल क्रीड़ा न कराकर एक कृत्रिम जलाशय का निर्माण करके इस रस्म को पूरा किया गया.

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