राजनांदगांव : जिले में स्थित कोविड-19 अस्पताल में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए लगाए जाने वाली ड्यूटी में मनमानी की शिकायतें सामने आ रही हैं. राजनांदगांव कोविड-19 अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही नर्सों ने अधीक्षक को पत्र लिखकर बारी-बारी से सभी नर्सों की ड्यूटी लगाने की मांग की है. ड्यूटी लगाए जाने के मामले में पक्षपात किए जाने का आरोप लगाते हुए नर्सों ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर हल्ला बोला है.
राजनांदगांव के पेंड्री क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल शुरू किया गया है, यहां राजनांदगांव सहित बालोद और कवर्धा जिले के मरीजों को रखा गया है, जहां स्टाफ नर्सों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जो लगातार अपनी सेवाएं दे रही हैं. नर्सों का कहना है कि 'स्टाफ की सभी नर्सों की ड्यूटी बारी-बारी लगाई जाए. स्टाफ नर्सों ने अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा है कि एक ही नर्स की बार-बार ड्यूटी लगाई जा रही है, जो कि पूरी तरीके से गलत है.
बना रहता है संक्रमण का खतरा
शहर के पेंड्री स्थित कोविड-19 अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही स्टाफ नर्सों ने कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान स्टाफ नर्स भी कोरोना संक्रमित हो जाती है. ऐसे में कोरोना पॉजिटिव पाई गई एक नर्स को महिला जनरल वार्ड में ही रखकर उसका इलाज किया जा रहा है. जबकि स्टाफ नर्स के लिए अलग से कमरा देकर इलाज की सुविधा देनी चाहिए. स्टाफ नर्सों ने कोविड-19 अस्पताल में सभी नर्स की बारी-बारी से ड्यूटी नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि अगर आगे भी यही हाल रहा तो वे इसके खिलाफ आंदोलन करेंगी.
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छत्तीसगढ़ में अब तक कोरोना के 2700 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2100 से ज्यादा लोगों को पूरी तरह ठीक किया जा चुका है. वहीं सोमवार और मंगलवार को मिले नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बाद एक्टिव केसों की संख्या 630 से ज्यादा हो गई है, जिनका इलाज प्रदेश के अलग-अलग कोविड अस्पताल में जारी है. वहीं कोरोना से छत्तीसगढ़ में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है.