राजनांदगांव: कोरोना संक्रमण के बीच दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने-अपने गांव लौट रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक 5 हजार से ज्यादा मजदूर खैरागढ़ के अलग-अलग गांवों में लौट चुके हैं, लेकिन जिले में अब धीरे-धीरे प्रवासियों का आना थम सा गया है. यही वजह है कि प्रशासन ने राहत की सांस ली है.
शहर सहित ग्रामीण इलाकों में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में हफ्तेभर से दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है. वहीं जिले सहित प्रदेशभर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में विशेष सावधानी बरती जा रही है. जिले में अब तक कुल 334 लोगों का रैपिड टेस्ट किया जा चुका है, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं 45 कोरोना संदिग्धों का सैंपल जांच के लिए राजनांदगांव भेजा गया है.
खैरागढ़ के 114 पंचायतों में बने 348 क्वॉरेंटाइन सेंटर
प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए 114 पंचायतों में 348 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इसके अलावा और भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिए पंचायत मुख्यालय सहित आश्रित गांवों में पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन, सामुदायिक भवन और स्कूलों का उपयोग किया गया है. प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते तक इन सेंटरों में प्रवासियों की आवाजाही के बाद अब तक कुल 4 हजार 637 लोग गांवों में पहुंच चुके है. वहीं पिछले हफ्ते आए मजदूरों को मिलाकर जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अब तक 12 सौ से ज्यादा लोग पहुंचे हैं.
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रेड जोन से पहुंच रहे मजदूर
प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने के अलावा विशेष सावधानी बरती जा रही है. क्योंकि कई मजदूर देश के कई रेड जोन से छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं. प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र, गुजरात, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, तेलंगाना और दिल्ली सहित अन्य इलाकों के रेड जोन से छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं, जिनपर विशेष निगरानी रखी जा रही है. ये मजदूर चौथे लॉकडाउन में छूट मिलने और श्रमिक ट्रेन सहित अन्य व्यवस्था बनने के बाद छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं. जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते में आने वाले मजदूरों की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी हुई थी.