राजनांदगांव: शहर के राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम में सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं है. बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. बावजूद इसके जिन बैंक प्रबंधकों को एटीएम में सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी है, वे लापरवाह हैं. इसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है. जाने अनजाने में वे वायरस की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि बैंक प्रबंधकों के अपने ही दावे हैं. उनका साफ तौर पर कहना है कि लोग सैनीटाइजर की बोतल की चोरी कर रहे हैं. जबकि किसी भी एटीएम से सैनिटाइजर चोरी की रिपोर्ट अबतक कोई भी बैंक प्रबंधक ने नहीं दर्ज कराई है.
जनहित के इस मामले को लेकर के ईटीवी भारत ने एटीएम की पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. शहर में संचालित एटीएम सेंटर्स में ईटीवी भारत की टीम ने दस्तक दी और इसका रियलिटी चेक किया. इस दौरान सीधे तौर पर बैंक प्रबंधकों की लापरवाही सामने आई है. बावजूद इसके बैंक प्रबंधक लोगों पर ही आरोप लगाकर अपनी साख बचाने में लगे हैं.
एटीएम में नहीं सैनिटाइजर की व्यवस्था
ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले शहर के व्यस्ततम मार्ग शहर के फव्वारा चौक पहुंची. जहां बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में देखने को मिला एटीएम में कहीं भी सैनिटाइजर की बोतल नहीं है और न ही एटीएम उपयोग करने के बाद हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था है. ऐसी स्थिति में लोग सीधे एटीएम का उपयोग कर रहे हैं और कहीं न कहीं वायरस की चपेट में आ रहे हैं. बावजूद इसके यहां पर सुरक्षा को लेकर के बैंक प्रबंधकों ने कोई भी व्यवस्था नहीं की है.
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कॉलेज रोड स्थित एसबीआई के एटीएम का भी यहीं हाल है, यहां पर भी सैनिटाइजर की बोतल रखने की व्यवस्था तो की गई है. लेकिन खाली बोतल से ही काम चलाया जा रहा है. बैंक प्रबंधकों का दावा है कि रोजाना एटीएम को सैनिटाइज किया जाता है और सैनिटाइजर रखा जाता है. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम का भी यहीं हाल है. ईटीवी भारत की टीम ने शहर के 12 से ज्यादा ATM की पड़ताल की, सभी जगह लगभग वहीं हालात नजर आए.
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बैंक प्रबंधकों के दावे सही हैं या जो लोग मौके पर एटीएम उपयोग कर रहे हैं उनका कहना सही है, यह बड़ा सवाल है. बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम की पड़ताल के बाद जब शिकायत के आधार पर बैंक प्रबंधक सुनील यादव से चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि बैंक परिसर को रोजाना शाम में सैनिटाइज किया जाता है. इसके साथ ही रोजाना एटीएम में सैनिटाइजर की बोतल रिफिल की जाती है. हालांकि कुछ उपभोक्ता सैनिटाइजर की बोतल चोरी कर लेते हैं. लेकिन जब ईटीवी भारत ने सवाल किया कि एटीएम में सीसीटीवी कैमरे और गार्ड मौजूद होते हैं. तो चोरी कैसे हो रही है. इस सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंक प्रबंधक किस तरह लापरवाही बरत रहे हैं और लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं.
मांगा जाएगा जवाब
इस पर सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी का कहना है कि एटीएम में अगर लोगों की सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है तो उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा. व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो शासन को इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्रवाई के लिए भी पत्र लिखेंगे.
आंकड़ों के अनुसार-
- शहर में राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या-18
- शहर में एटीएम की संख्या- 21
- प्राइवेट बैंकों के एटीएम- 7
- रोजाना एटीएम उपभोक्ता- 1400