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राजनांदगांव: 10 घंटे के भीतर मिला अपहृत नैतिक लुल्ला

राजनांदगांव के पूनम कॉलोनी से अपहृत आठ साल के बच्चे को पुलिस ने 10 घंटे के भीतर खोज निकाला है.

10 घंटे के भीतर मिला अपहृत हुआ नैतिक लुल्ला
10 घंटे के भीतर मिला अपहृत हुआ नैतिक लुल्ला
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Published : Dec 9, 2019, 5:30 AM IST

Updated : Dec 9, 2019, 7:01 AM IST

राजनांदगांव: पूनम कॉलोनी के होटल व्यवसायी विनोद लुल्ला के बेटे नैतिक को पुलिस ने 10 घंटे के भीतर खोज निकाला है. नैतिक को रविवार शाम कुछ बदमाशों ने अपहरण कर लिया था. जिसे पुलिस ने सोमवार सुबह 5:00 बजे खोज निकाला और उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.

10 घंटे के भीतर मिला अपहृत हुआ नैतिक लुल्ला

मिली जानकारी के अनुसार पूनम कॉलोनी निवासी विनोद लुल्ला के बेटे नैतिक लुल्ला को अपहरणकर्ताओं ने रविवार शाम को उसके घर के पास से ही अगवा कर लिया था, तभी से पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही थी. शहर में हुई अपहरण की इस घटना ने राजनांदगांव पुलिस के कान खड़े कर दिए थे. लगातार पूछताछ के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं मिल रहा था, जिससे अपहरणकर्ताओं तक पहुंचा जा सके.

बिलासपुर से लौटे पिता विनोद लुल्ला को आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज दिखाएं, तो विनोद ने एक अपहरणकर्ता को पहचान लिया उसने बताया कि यह आरोपी उसके यहां कैटरिंग सर्विस में काम करता है. इसके बाद पुलिस ने इस सुराग के आधार पर काम करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते पुलिस महाराष्ट्र के साल्हेकसा गांव पहुंची, जहां कर्मचारी का निवास बताया गया था. पुलिस ने यहीं से नैतिक को बरामद किया है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने अब तक कोई खुलासा नहीं किया है.

बता दें, राजनांदगांव पुलिस जल्द ही इस मामले में पत्रकार वार्ता कर अपहरणकर्ताओं को पेश करेगी.

राजनांदगांव: पूनम कॉलोनी के होटल व्यवसायी विनोद लुल्ला के बेटे नैतिक को पुलिस ने 10 घंटे के भीतर खोज निकाला है. नैतिक को रविवार शाम कुछ बदमाशों ने अपहरण कर लिया था. जिसे पुलिस ने सोमवार सुबह 5:00 बजे खोज निकाला और उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.

10 घंटे के भीतर मिला अपहृत हुआ नैतिक लुल्ला

मिली जानकारी के अनुसार पूनम कॉलोनी निवासी विनोद लुल्ला के बेटे नैतिक लुल्ला को अपहरणकर्ताओं ने रविवार शाम को उसके घर के पास से ही अगवा कर लिया था, तभी से पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही थी. शहर में हुई अपहरण की इस घटना ने राजनांदगांव पुलिस के कान खड़े कर दिए थे. लगातार पूछताछ के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं मिल रहा था, जिससे अपहरणकर्ताओं तक पहुंचा जा सके.

बिलासपुर से लौटे पिता विनोद लुल्ला को आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज दिखाएं, तो विनोद ने एक अपहरणकर्ता को पहचान लिया उसने बताया कि यह आरोपी उसके यहां कैटरिंग सर्विस में काम करता है. इसके बाद पुलिस ने इस सुराग के आधार पर काम करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते पुलिस महाराष्ट्र के साल्हेकसा गांव पहुंची, जहां कर्मचारी का निवास बताया गया था. पुलिस ने यहीं से नैतिक को बरामद किया है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने अब तक कोई खुलासा नहीं किया है.

बता दें, राजनांदगांव पुलिस जल्द ही इस मामले में पत्रकार वार्ता कर अपहरणकर्ताओं को पेश करेगी.

Intro:राजनांदगांव. ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल (indian medical association)ने बुधवार को देशभर में एक साथ हड़ताल की शुरूआत कर दी है। इसका सीधा असर बुधवार सुबह से ही शहर के निजी अस्पतालों में देखने को मिला डॉक्टरो ने सुबह 6 बजे से गुरूवार को सुबह 6 बजे तक ओपीडी बंद रखने का निर्णय लिया है।
इस अव्यवस्था से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों के (Government hospital) ओपीडी को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने के लिए पूर्व में ही आदेश जारी कर दिए थे शहर के डॉक्टरों ने आज रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 का विरोध किया है.
 

Body:बता दे कि शहर के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की है वहीं इस बिल को वापस जाने को लेकर के सरकार से अपील भी की है डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों के ओपीडी को बंद रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया है डॉक्टरों का कहना है कि नए बिल में आईएमए की मांग को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है इसके चलते वे इस बिल का विरोध कर रहे हैं
Conclusion:हलाकान रहे मरीज
जिले में तकरीबन 100 छोटे बड़े अस्पताल संचालित है। डॉक्टरों के हड़ताल के बाद नर्सिंग होम और क्लिनिक सहित जरनल ओपीडी आज सुबह से बंद है। जिसके कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताली डॉक्टरों ने बताया कि इस दौरान आपात स्थिति आने पर ही वे मरीज को देखेंगे। इस स्थिति के चलते बुधवार को मरीजों को काफी हलाकान होना पड़ा ओपीडी पूरी तरीके से बंद रहने के चलते मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया इससे मरीजों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा। दूसरी और मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या अधिक होने के बावजूद डॉक्टरों ने ड्यूटी में भी रुचि नहीं दिखाई है इसके चलते मरीज लगातार भटकते रहे हैं।

बाइट डॉ एस दीक्षित
Last Updated : Dec 9, 2019, 7:01 AM IST
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