राजनांदगांव/खैरागढ़: सांसद संतोष पांडेय ने किसान आंदोलन को लेकर दिए विवादित बयान को फिर से दोहराया है. उन्होंने फिर से कहा कि दिल्ली की सीमाओं में चल रहे किसान आंदोलन में सिंघु बार्डर पर खालिस्तान के झंडे दिख रहे हैं. किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया गया है. उन्होंने पूछा कि क्या इसे किसान आंदोलन कहेंगे?
एक पंचांग विमोचन में खैरागढ़ रेस्ट हाउस पहुंचे सांसद संतोष पांडेय ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बयान दिया है. यहां उन्होंने कहा कि 'मैंने खैरागढ़ में जो बयान दिया था, उस पर अडिग हूं, वहीं फिर कह रहा हूं, सिंघु बॉर्डर में खालिस्तान के झंडे दिख रहे हैं, जिसमें बेअंत सिंह के हत्यारे का फोटो लगा हुआ है'. वहीं वरवरा राव को रिहा कराने नारे लग रहे हैं. साथ ही उमर खालिद और सर्जिल इमाम को रिहा कराने नारे लग रहे हैं.
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सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि यही मैंने उस दिन भी कहा था और आज फिर कह रहा हूं. किसानों की भीड़ में उनके आंदोलन को हाइजैक कर लिया गया है. यहीं वजह है कि अब देश को सतर्क रहना चाहिए. जिस प्रकार एक छोटे से कोने में साहिन बाग हुआ. आज दिल्ली के चारों तरफ ये चल रहा है. आगमी गणतंत्र दिवस को देखते हुए हमको अलर्ट रहने की जरूरत है.
खैरागढ़ में दिया था ये बयान
सांसद संतोष पांडेय ने 9 जनवरी को किसान आंदोलन में खालिस्तानियों के बैठने और उन्हें विदेशी फंडिंग होने का दावा किया था. जिसे उन्होंने फिर से दोहराया है. इस बयान के बाद कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक पार्टियों ने सांसद के बयान का विरोध किया था. विरोध स्वरूप जिलेभर में सांसद पांडेय का पुतला दहन भी किया गया था.