राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के 13 पर्वतारोहियों ने हिमाचल प्रदेश के सोलांग वैली में स्थित माउंट फ्रेंडशिप पर्वत पर 5,289 मीटर की चढ़ाई कर तिरंगा फहराया है और अपनी इस यात्रा को कोरोना वारियर्स के नाम किया. छत्तीसगढ़ के माउंटेन मैन राहुल गुप्ता के नेतृत्व में 9 अक्टूबर को 20 लोगों को माउंट ट्रैकिंग के लिए हिमाचल प्रदेश रवाना हुआ था. पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पर्वतारोहियों के दल को हरी झंडी दिखाई थी.
राजनांदगांव के टीम लीडर और इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष प्रमेश विजयवार ने राहत और बचाव दल में अपनी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान पर्वतारोहियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि माइनस 10 डिग्री तापमान और लगभग 5 फीट बर्फ मे चलना एक बड़ी चुनौती थी. ऊंचाई पर पहुंचते ही ऑक्सीजन की कमी होना सामान्य था. टीम में एक बचाव दल भी शामिल था जिन का कार्य सभी को सुरक्षित वापस लाना था. इस एक्सपीडिशन में छत्तीसगढ़ से 15 साल के यंगेस्ट युवा चिराग गुप्ता और ईशान सिरके भी शामिल हुए थे. जिले के चार युवा पहले भी इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से पर्वतारोहण की ट्रेनिंग कर चुके हैं और यही कारण है कि उन्होंने इस कठिन परिस्थितियों में भी बड़ी चुनवतियों का सामना करते हुए यह उपलब्धि को हासिल किया. सोमनी निवाशी रोहित झा जिले क प्रथम ऐसा पर्वतारोही हैं जिन्होंने दूसरी बार यह कारनामा कर दिखाया है. इसके अलावा छुईखदान से लालाराम मेरावी, विचारपुर से कुमेश्वर गन्धर्व, डोंगरगढ़ से प्रमेश विजयवार सहित ग्राम ठेकवा से ममता निषाद पहली बार इतनी ऊंची चोटी पर पहुंचे हैं.
ममता निषाद बनी राजनांदगांव की पहली महिला पर्वतारोही
ठेकवा गांव की रहने वाली ममता निषाद ने हिमाचल प्रदेश के सोलांग वैली में स्थित माउंट फ्रेंडशिप पीक पर 21 अक्टूबर 2020 की सुबह 11.08 मिनट पर तिरंगा लहराया है और इसी के साथ ममता ने जिले की पहली महिला पर्वतारोही का गौरव प्राप्त किया है. एडवेंचर के क्षेत्र में रुचि रखने वाली ममता बीते 1साल से इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न गतिविधियों में सम्मिलित होते रही है. ममता बताति है कि भविष्य में वो दुनिया की सबसे ऊंची माउंट एवरेस्ट चोटी की चढ़ाई करना चाहती है.
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कुमेश्वर गंधर्व और लालाराम मेरावी का लक्षय
खैरागढ़ के विचारपुर गांव के रहने वाले कुमेश्वर गंधर्व एनसीसी और स्काउट में हमेशा अग्रणी रहे हैं और बीते 1 साल में कई एडवेंचर गतिविधियों में शमिल होकर सफलता हासिल की है. कुमेश्वर आगे भी इसी तरह उपलब्धियां प्राप्त कर अपने गांव और जिले का नाम पूरे देश में रोशन करना चाहते हैं. छुईखदान से एकमात्र पर्वतारोही लालाराम मेरावी ने इस राष्ट्रीय दल का हिस्सा बन सफलता प्राप्त कर जिले को गौरवान्वित किया है. लालाराम मेरावी स्काउट टीचर है. लालाराम छत्तीसगढ़ में एडवेंचर क्षेत्र को बढ़ावा देने और एक नए लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं
8 राज्यों के पर्वतारोही हुए शामिल
माउंट ट्रैकिंग में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उतराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली को मिलाकर कुल 8 राज्यों के पर्वतारोही शामिल हुए थे. सुमन ने बताया कि उन्हें पर्वत की चोटी तक पहुंचने में 4 दिन और वापस आने में 2 दिन का समय लगा. कुल 7 दिन में इस अभियान को पूरा करने का लक्ष्य मिला था. 17 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक इस अभियान को पूरा कर लिया गया.