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राजनांदगांव: लॉटरी के बाद भी नहीं मिल रहा RTE के तहत एडमिशन

राजनांदगांव में 'शिक्षा का अधिकार' कानून का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है. जिससे बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला नहीं हो रहा है. जिले के करीब एक हजार से ज्यादा बच्चे अब भी निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए राह तक रहे हैं.

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Published : Nov 3, 2020, 5:09 PM IST

RTE in rajnandgaon
नौनिहाल

राजनांदगांव: शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) का पालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. यहीं कारण है कि गरीब तबके के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है. तकरीबन एक हजार से ज्यादा नौनिहाल अब भी निजी स्कूलों में प्रवेश की राह देख रहे हैं.

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के तहत इस साल जिले में 5 हजार से ज्यादा बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके लिए पालकों से आवेदन भी मंगाए गए थे. 4 हजार 558 सीट के लिए प्रथम चरण में लॉटरी निकाली गई थी, इस लॉटरी के तहत 2 हजार 934 बच्चों का दाखिला लिया गया था. इसमें 1624 बच्चों का दाखिला नहीं हो पाया है. खास बात यह है कि निजी संस्थाएं भी इसमें में कोई रुचि नहीं ले रही है और न ही शिक्षा विभाग इस मामले में निजी स्कूलों पर दबाव बना रहा है. हालात यह है कि शिक्षा का अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. पालकों की शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली सही नहीं है. इसी के चलते RTE के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है.

पढ़ें- शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन, प्रवेश देने से पीछे हट रहे निजी स्कूल


फिर से निकाली जाएगी लॉटरी
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम का कहना है कि लॉटरी निकालने की प्रक्रिया तकरीबन पूरी हो चुकी है और जल्द ही लॉटरी निकाली जाएगी. शेष बच्चों का दाखिला दिलाने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है. निजी स्कूलों के प्रबंधकों से लगातार चर्चा की जा रही है. ज्यादा से ज्यादा बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा.

राजनांदगांव: शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) का पालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. यहीं कारण है कि गरीब तबके के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है. तकरीबन एक हजार से ज्यादा नौनिहाल अब भी निजी स्कूलों में प्रवेश की राह देख रहे हैं.

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के तहत इस साल जिले में 5 हजार से ज्यादा बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके लिए पालकों से आवेदन भी मंगाए गए थे. 4 हजार 558 सीट के लिए प्रथम चरण में लॉटरी निकाली गई थी, इस लॉटरी के तहत 2 हजार 934 बच्चों का दाखिला लिया गया था. इसमें 1624 बच्चों का दाखिला नहीं हो पाया है. खास बात यह है कि निजी संस्थाएं भी इसमें में कोई रुचि नहीं ले रही है और न ही शिक्षा विभाग इस मामले में निजी स्कूलों पर दबाव बना रहा है. हालात यह है कि शिक्षा का अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. पालकों की शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली सही नहीं है. इसी के चलते RTE के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है.

पढ़ें- शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन, प्रवेश देने से पीछे हट रहे निजी स्कूल


फिर से निकाली जाएगी लॉटरी
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम का कहना है कि लॉटरी निकालने की प्रक्रिया तकरीबन पूरी हो चुकी है और जल्द ही लॉटरी निकाली जाएगी. शेष बच्चों का दाखिला दिलाने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है. निजी स्कूलों के प्रबंधकों से लगातार चर्चा की जा रही है. ज्यादा से ज्यादा बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा.

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