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मदनवाड़ा नक्सली हमले की जांच तीन माह आगे बढ़ी

राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा इलाके में हुई नक्सली हमले की जांच 3 महीने आगे बढ़ा दी है. राज्य शासन ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है.

Investigation of Madanwara Naxalite attack proceeded three months
मदनवाड़ा नक्सली हमले की जांच
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Published : May 10, 2021, 10:59 AM IST

राजनांदगांव: जिले के मदनवाड़ा इलाके में तकरीबन 11 साल पहले हुए नक्सली हमले की जांच 3 महीने आगे बढ़ा दी गई है. नक्सल हमले में जिले के तत्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना की जांच के लिए गठित आयोग का कार्यकाल 3 महीने आगे बढ़ा दिया गया है. राज्य शासन ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है.

राज्य शासन ने मदनवाड़ा नक्सली हमले की अगली जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शम्भूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय विशेष न्यायिक जांच आयोग का गठन पिछले साल किया था. निर्धारित समय पर जांच पूरी नहीं होने के कारण आयोग के कार्यकाल में तीन माह का समय बढ़ा दिया गया है. राज्य शासन से जारी अधिसूचना के अनुसार वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण आयोग का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है. राज्य सरकार ने आयोग के कार्यकाल को 15 अप्रैल से 14 जुलाई 2021 तक तीन माह की वृद्धि की गई है.

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बड़ा नक्सली हमला

छत्तीसगढ़ प्रदेश की पहली सबसे बड़ी नक्सल वारदात जो 2009 में हुई थी जिसमें तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए थे. 11 साल बाद प्रदेश सरकार द्वारा न्यायिक जांच के आदेश दिए गए. अब आदेश आने के बाद सभी शहीद के परिजन खुश नजर आ रहे है, वहीं शहीद परिजनों को वर्षों की मांग पूरी हुई, अब नतीजों का इंतजार शहीदों के परिजनों को रहेगा. जिले के मानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत स्टेट हाइवे मार्ग पर मानपुर से महज 7 किलोमीटर दूर आने वाले कोरकोटटी में 12 जुलाई 2009 को नक्सलियों ने एक बड़ा एम्बुस लगा रखा था, जिसमें पुलिस के जवान फंस गए और नक्सलियों द्वारा मारे गए.

29 जवान हुए थे शहीद

नक्सलियों ने सबसे पहले मानपुर थाना के अंतर्गत आने वाले मदनवाड़ा गांव में जिला पुलिस द्वारा एक बैस कैम्प हाल ही में स्थापित किया गया था, जिससे नक्सली नाराज थे. नक्सलियों ने सबसे पहले हमला मदनवाड़ा में ही किया. घटना की सुबह 6 बजे जब दो पुलिस के जवान बैस कैम्प से कुछ ही दूरी पर गए थे. नक्सलियों ने उन्हें मार गिराया. घटना की जानकारी जिला मुख्यालय पहुंची. जिले के तत्कालीन एसपी विनोद चौबे ने उस समय के तात्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता को घटना की जानकारी दी.उसके बाद आईजी के द्वारा एसपी को निर्देशित किया गया कि आसपास के सभी थानों से बल मानपुर भेजने के आदेश दिए.

मदनवाड़ा जाने वाले स्टेट हाइवे मार्ग पर मानपुर से महज 7 किलोमीटर दूर करीब 250 से 300 की संख्या में महिला, पुरुष नक्सली एम्बुस लगाए बैठे थे. जैसे ही पुलिस के जवान नक्सलियों के एम्बुस में फंसे नक्सलियों ने फायरिंग शुरु कर दी. घटना में तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए थे. सभी जवानों के रायफल, पिस्टल, बेल्ट, विसल मौके से नक्सली लूटकर ले गए थे. करीब 2 घण्टे तक घटना स्थल पर नक्सलियों का तांडव जारी था.

राजनांदगांव: जिले के मदनवाड़ा इलाके में तकरीबन 11 साल पहले हुए नक्सली हमले की जांच 3 महीने आगे बढ़ा दी गई है. नक्सल हमले में जिले के तत्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना की जांच के लिए गठित आयोग का कार्यकाल 3 महीने आगे बढ़ा दिया गया है. राज्य शासन ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है.

राज्य शासन ने मदनवाड़ा नक्सली हमले की अगली जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शम्भूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय विशेष न्यायिक जांच आयोग का गठन पिछले साल किया था. निर्धारित समय पर जांच पूरी नहीं होने के कारण आयोग के कार्यकाल में तीन माह का समय बढ़ा दिया गया है. राज्य शासन से जारी अधिसूचना के अनुसार वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण आयोग का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है. राज्य सरकार ने आयोग के कार्यकाल को 15 अप्रैल से 14 जुलाई 2021 तक तीन माह की वृद्धि की गई है.

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बड़ा नक्सली हमला

छत्तीसगढ़ प्रदेश की पहली सबसे बड़ी नक्सल वारदात जो 2009 में हुई थी जिसमें तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए थे. 11 साल बाद प्रदेश सरकार द्वारा न्यायिक जांच के आदेश दिए गए. अब आदेश आने के बाद सभी शहीद के परिजन खुश नजर आ रहे है, वहीं शहीद परिजनों को वर्षों की मांग पूरी हुई, अब नतीजों का इंतजार शहीदों के परिजनों को रहेगा. जिले के मानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत स्टेट हाइवे मार्ग पर मानपुर से महज 7 किलोमीटर दूर आने वाले कोरकोटटी में 12 जुलाई 2009 को नक्सलियों ने एक बड़ा एम्बुस लगा रखा था, जिसमें पुलिस के जवान फंस गए और नक्सलियों द्वारा मारे गए.

29 जवान हुए थे शहीद

नक्सलियों ने सबसे पहले मानपुर थाना के अंतर्गत आने वाले मदनवाड़ा गांव में जिला पुलिस द्वारा एक बैस कैम्प हाल ही में स्थापित किया गया था, जिससे नक्सली नाराज थे. नक्सलियों ने सबसे पहले हमला मदनवाड़ा में ही किया. घटना की सुबह 6 बजे जब दो पुलिस के जवान बैस कैम्प से कुछ ही दूरी पर गए थे. नक्सलियों ने उन्हें मार गिराया. घटना की जानकारी जिला मुख्यालय पहुंची. जिले के तत्कालीन एसपी विनोद चौबे ने उस समय के तात्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता को घटना की जानकारी दी.उसके बाद आईजी के द्वारा एसपी को निर्देशित किया गया कि आसपास के सभी थानों से बल मानपुर भेजने के आदेश दिए.

मदनवाड़ा जाने वाले स्टेट हाइवे मार्ग पर मानपुर से महज 7 किलोमीटर दूर करीब 250 से 300 की संख्या में महिला, पुरुष नक्सली एम्बुस लगाए बैठे थे. जैसे ही पुलिस के जवान नक्सलियों के एम्बुस में फंसे नक्सलियों ने फायरिंग शुरु कर दी. घटना में तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए थे. सभी जवानों के रायफल, पिस्टल, बेल्ट, विसल मौके से नक्सली लूटकर ले गए थे. करीब 2 घण्टे तक घटना स्थल पर नक्सलियों का तांडव जारी था.

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