राजनांदगांव: अंचल में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से क्लीनिक संचालित करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर गुरुवार को जिला प्रशासन ने कार्रवाई की. जिलाधीश और मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (CMHO) के निर्देश और SDM निष्ठा पांडेय तिवारी के मार्गदर्शन में सिविल अस्पताल में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ. पंकज वैष्णव, नायब तहसीलदार रश्मि दुबे, लीलाधर कंवर सहित प्रशासनिक कर्मचारियों की मौजूदगी अवैध क्लीनिक चलाने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक को सील किया गया.
4 अवैध क्लीनिक को किया गया सील
जांच के दौरान प्रशासनिक टीम रेंगाकठेरा गांव पहुंची. जहां अपने घर पर ही क्लीनिक संचालित करने वाले झोलाछाप डॉक्टर केशव प्रसाद और हेमराज पर कार्रवाई की गई. अमलीडीह कला गांव में भी सजन वर्मा जो वर्तमान में लंझियाटोला में शिक्षक के पद पर पदस्थ है. वो भी अपने घर में क्लीनिक का संचालन करता था. जिसे पुलिस ने सील कर दिया है. इसी तरह पिपरिया वार्ड में संचालित डब्बू राम वर्मा की अवैध क्लीनिक पर भी छापेमार कार्रवाई की गई. सभी झोलाछाप डॉक्टरों के पास दवाईयां, डिस्पोजल, सिरिंज, ग्लूकोस, ड्रिप सहित अन्य सामग्रियां पाई गई. पहले दिन की कार्रवाई में इन सभी झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक को सील कर उन्हें हिदायत दी गई है.
कांकेर में झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई, निजी क्लीनिक सील
इलाज के दौरान नियमों का पालन नहीं
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद भी झोलाछाप डॉक्टर अवैध क्लीनिक का संचालन कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जहां न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान दिया जा रहा है और न ही कोविड नियमों का पालन किया जा रहा है. झोलाछाप डॉक्टर सर्दी, खांसी और बुखार सहित कोरोना लक्षण वाले मरीजों का भी इलाज कर रहे हैं और मनमाने तरीके से मरीजों से पैसे ले रहे हैं. कुछ डॉक्टर कोरोना लक्षण होने के बाद भी कोरोना टेस्ट की सलाह देने की बजाए मलेरिया और टाइफाईड चेक कर मरीजों को दवाईयां दे रहे हैं. जिससे संक्रमण के बढ़ने का खतरा बना हुआ है.