राजनांदगांव: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार शहर में लॉकडाउन किया जा रहा है. लगातार लॉकडाउन होने से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर पर दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों के लिए आम आदमी को भटकना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में भी कुछ लोग अपनी सेवा देकर समाज के सामने मिसाल कायम कर रहे हैं. ETV भारत की टीम ने ऐसे ही एक शख्स को खोज निकाला है, जो इस कोरोना काल में लोगों को दैनिक जरूरतों का सामान उनके घर तक पहुंचा रहे हैं. वह भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के लोगों की मदद कर रहे हैं.
शहर के चौघड़िया पारा निवासी 58 साल के हेमचंद झाबक लोगों को दैनिक जरूरतों का सामान उनके एक फोन कॉल पर उपलब्ध करा रहे हैं. जरूरत के सामान के लिए लोग जब उन्हें फोन पर संपर्क करते हैं, तो वह उन्हें घर तक पहुंचा कर सामानों की डिलीवरी देते हैं. हेमचंद झाबक कोरोना संक्रमण के इस दौर में अपनी जान को भी खतरे में डालकर लोगों को सेवा देने से नहीं चूक रहे हैं.
5 साल पहले शुरू किया था काम
हेमचंद बताते हैं 5 साल पहले उन्होंने अगरबत्ती बेचने का काम शुरू किया था. लोगों के घर-घर जाकर अगरबत्ती बेचा करते थे. इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने लॉकडाउन कर दिया. ऐसे में लोगों को दैनिक जरूरतों के सामान के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस बीच हेमचंद अगरबत्ती के साथ-साथ दैनिक उपयोग के सामानों की भी होम डिलीवरी शुरू की, ताकि लोगों को घर बैठे सुरक्षित तरीके से सामान उपलब्ध हो सके. वे इस काम में काफी हद तक सफल भी हुए हैं. अब लोग लगातार उनसे संपर्क करते हैं. वह लोगों तक पहुंच कर उन्हें जरूरत का सामान उपलब्ध कराते हैं.
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भीड़ में जाने से बच रहे लोग
लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने घरों से निकलने की अनुमति नहीं है. वहीं वर्तमान समय में भीड़ में जाकर खरीदारी करना भी लोगों के लिए काफी खतरनाक है, क्योंकि बाजार में भी वे वायरस की चपेट में आ सकते हैं. इस कारण लोगों के लिए दैनिक उपयोग के सामानों की होम डिलीवरी का साधन भी काफी कारगर है. लोगों को संक्रमण से बचाए रखने में मदद कर रहा है. हालांकि ऐसे कई दुकानदार हैं, जो लोगों को होम डिलीवरी दे रहे हैं, लेकिन इस होम डिलीवरी के लिए वे अतिरिक्त चार्ज भी वसूल रहे हैं. ऐसे हालात में हेमचंद का यह प्रयास समाज सेवा के लिए भी अनोखी मिसाल है.
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सुरक्षा के लिहाज से बेहतर सुविधा
शहर की साक्षी सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौर में सुरक्षा के लिहाज से यह बेहतर सुविधा है, क्योंकि इससे आम आदमी भीड़ में जाने से बच जाता है. घर बैठे ही उसे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के बाजार दाम पर सामान मिल जाता है. ऐसी स्थिति में हम सुरक्षित तरीके से लेनदेन करते हैं. उनका कहना है कि संक्रमण को रोकने के लिए सरकार को भी इसी तरीके की सुविधाओं को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि लोग अपने घरों से कम से कम निकलें.
प्रशासन को शुरू करनी चाहिए ऐसी सुविधा
वहीं मेडिकल संचालक बृजेश शर्मा का कहना है कि वर्तमान में शहर के हालात ठीक नहीं है. कोरोना वायरस की जद में आकर शहर काफी प्रभावित हुआ है. ऐसी स्थिति में आम लोगों की दिक्कतें ज्यादा बड़ी है. ऐसे हालात में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए होम डिलीवरी का आइडिया काफी कारागार साबित हो सकता है. जिला प्रशासन को भी रोजमर्रा के सामानों की उपलब्धता के लिए कोई उपाय करके यह सुविधा शुरू करनी चाहिए, ताकि लोग भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचे और संक्रमण से दूर रहें.