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याेजना का लाभ: मुफ्त का खाद्यान्न पाने के लिए परिवाराें ने बनाया अलग राशन कार्ड - एपीएल कैटेगरी

सरकार ने बीपीएल कार्डधारियाें काे अप्रैल से जून तक का खाद्यान्न और नमक मुफ्त में देने की घाेषणा की है. उसके बाद से याेजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की मंशा से लाेगाें ने संयुक्त परिवार वाले कार्डाें काे अलग कराकर अपना अलग राशन कार्ड बनवाना शुरू कर दिया है.

rasan card
परिवाराें ने बनाया अलग राशन कार्ड
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Published : May 15, 2020, 12:18 PM IST

राजनांदगांव: गरीबाें और अन्य जरूरतमंदाें काे मुफ्त में खाद्यान्न देने की घाेषणा के बाद जिले में सात हजार से अधिक नए राशन कार्ड बन चुके हैं. इनमें करीब छह हजार बीपीएल और एक हजार एपीएल कार्ड शामिल हैं. साथ ही नए कार्डाें के लिए करीब ढाई हजार आवेदन प्रशासन के पास अभी भी लंबित है. ये कार्ड बनने के बाद काेराेना काल में विभक्त हाेने वाले परिवाराें का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंच सकता है.

लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार ने BPL कार्डधारियाें काे अप्रैल से जून तक का खाद्यान्न, नमक मुफ्त में देने की घाेषणा की है. उसके बाद से याेजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की मंशा से लाेगाें ने संयुक्त परिवार वाले कार्डाें काे अलग कराकर अपना अलग राशन कार्ड बनवाना शुरू कर दिया है.

पढ़ें:अमरजीत भगत ने किया राशन दुकानों का औचक निरीक्षण, कार्रवाई के निर्देश

एक अप्रैल से 10 मई के बीच सात हजार से अधिक लाेगाें ने अपना अलग कार्ड बनवाया है. इनमें करीब छह हजार BPL और लगभग एक हजार APL कैटेगरी के लोग हैं. माैजूदा कार्डाें का आंकड़ा शत-प्रतिशत सही नहीं है. इनमें कुछ फर्जी भी हाे सकते हैं. करीब छह साल पहले फर्जी BPL कार्ड से हर महीने हजाराें टन खाद्यान्न की हेराफेरी का मामला सामने आया था, जिसके बाद जांच की गई तो उस समय सत्ताधारी दल भाजपा के कई नामी नेताओं और उनके परिवार वालाें के नाम से BPL कार्ड मिले थे. इसके बाद कराई गई जांच में डेढ़ लाख से ज्यादा BPL कार्ड फर्जी माने गए थे और बाद में उन्हें निरस्त कर दिया गया था.

नीले कार्ड में मिलता है 35 किलो चावल

BPL वर्ग के नीले और गुलाबी कार्डाें पर हर महीने 35-35 किलाे चावल एक रुपए प्रति किलाे की दर से दिया जाता है. काेराेना काल में गुलाबी कार्ड वालाें काे प्रति सदस्य पांच किलाे चावल सरकार मुफ्त में दे रही है. यानी तीन सदस्यों वाले परिवार काे 35 किलो चावल के साथ 15 किलाे का और चावल मुफ्त में दिया जाएगा. इसके अलावा नीले कार्ड वालाें काे तीन सदस्याें तक 35 किलाे ही चावल दिया जा रहा है, लेकिन उससे ज्यादा सदस्य हाेने पर 15 से 60 किलाे तक का चावल मुफ्त में ही अतिरिक्त दिया जा रहा है. साथ ही पहले से प्रति कार्ड एक-एक किलाे अमृत नमक भी निशुल्क दिया जा रहा है. काेराेना संक्रमण शुरू हाेने के बाद एक-एक किलाे चना भी मुफ्त में बांटा जा रहा है. बस, इसी का फायदा उठाने के लिए एक छत के नीचे रहने वाले संयुक्त परिवार भी सरकारी रिकॉर्ड में अलग हाे गए हैं.

अप्रैल से अब तक 7 हजार नए राशन कार्ड
जिला खाद्य अधिकारी किशाेर साेमावार ने बताया कि 'लॉकडाउन के दाैरान अप्रैल से अब तक सात हजार से अधिक राशन कार्ड नए बनाए जा चुके हैं. कुछ आवेदन प्रक्रिया में हैं. बीपीएल कार्डाें में अप्रैल से जून तक चावल, नमक और चना मुफ्त में दिया जाना है. दाे महीने का राशन दे भी चुके हैं और जून के लिए भंडारण कराया जा रहा है'.

राजनांदगांव: गरीबाें और अन्य जरूरतमंदाें काे मुफ्त में खाद्यान्न देने की घाेषणा के बाद जिले में सात हजार से अधिक नए राशन कार्ड बन चुके हैं. इनमें करीब छह हजार बीपीएल और एक हजार एपीएल कार्ड शामिल हैं. साथ ही नए कार्डाें के लिए करीब ढाई हजार आवेदन प्रशासन के पास अभी भी लंबित है. ये कार्ड बनने के बाद काेराेना काल में विभक्त हाेने वाले परिवाराें का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंच सकता है.

लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार ने BPL कार्डधारियाें काे अप्रैल से जून तक का खाद्यान्न, नमक मुफ्त में देने की घाेषणा की है. उसके बाद से याेजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की मंशा से लाेगाें ने संयुक्त परिवार वाले कार्डाें काे अलग कराकर अपना अलग राशन कार्ड बनवाना शुरू कर दिया है.

पढ़ें:अमरजीत भगत ने किया राशन दुकानों का औचक निरीक्षण, कार्रवाई के निर्देश

एक अप्रैल से 10 मई के बीच सात हजार से अधिक लाेगाें ने अपना अलग कार्ड बनवाया है. इनमें करीब छह हजार BPL और लगभग एक हजार APL कैटेगरी के लोग हैं. माैजूदा कार्डाें का आंकड़ा शत-प्रतिशत सही नहीं है. इनमें कुछ फर्जी भी हाे सकते हैं. करीब छह साल पहले फर्जी BPL कार्ड से हर महीने हजाराें टन खाद्यान्न की हेराफेरी का मामला सामने आया था, जिसके बाद जांच की गई तो उस समय सत्ताधारी दल भाजपा के कई नामी नेताओं और उनके परिवार वालाें के नाम से BPL कार्ड मिले थे. इसके बाद कराई गई जांच में डेढ़ लाख से ज्यादा BPL कार्ड फर्जी माने गए थे और बाद में उन्हें निरस्त कर दिया गया था.

नीले कार्ड में मिलता है 35 किलो चावल

BPL वर्ग के नीले और गुलाबी कार्डाें पर हर महीने 35-35 किलाे चावल एक रुपए प्रति किलाे की दर से दिया जाता है. काेराेना काल में गुलाबी कार्ड वालाें काे प्रति सदस्य पांच किलाे चावल सरकार मुफ्त में दे रही है. यानी तीन सदस्यों वाले परिवार काे 35 किलो चावल के साथ 15 किलाे का और चावल मुफ्त में दिया जाएगा. इसके अलावा नीले कार्ड वालाें काे तीन सदस्याें तक 35 किलाे ही चावल दिया जा रहा है, लेकिन उससे ज्यादा सदस्य हाेने पर 15 से 60 किलाे तक का चावल मुफ्त में ही अतिरिक्त दिया जा रहा है. साथ ही पहले से प्रति कार्ड एक-एक किलाे अमृत नमक भी निशुल्क दिया जा रहा है. काेराेना संक्रमण शुरू हाेने के बाद एक-एक किलाे चना भी मुफ्त में बांटा जा रहा है. बस, इसी का फायदा उठाने के लिए एक छत के नीचे रहने वाले संयुक्त परिवार भी सरकारी रिकॉर्ड में अलग हाे गए हैं.

अप्रैल से अब तक 7 हजार नए राशन कार्ड
जिला खाद्य अधिकारी किशाेर साेमावार ने बताया कि 'लॉकडाउन के दाैरान अप्रैल से अब तक सात हजार से अधिक राशन कार्ड नए बनाए जा चुके हैं. कुछ आवेदन प्रक्रिया में हैं. बीपीएल कार्डाें में अप्रैल से जून तक चावल, नमक और चना मुफ्त में दिया जाना है. दाे महीने का राशन दे भी चुके हैं और जून के लिए भंडारण कराया जा रहा है'.

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