राजनांदगांव/खैरागढ़: बारिश शुरू होने के साथ ही किसान खेती करने के लिए तैयार हैं. खेती के लिए किसानों को ऋण मिल चुका है. लेकिन अब उसी ऋण को निकालने के लिए किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को ऋण स्वीकृत होने के बाद चेक थमा दिया गया है. अब चेक को क्लीयर कराने के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है. वहीं कुछ ऐसे किसान भी हैं जिन्हें दिनभर लाइन लगाने के बाद भी राशि नहीं मिल पा रही है. वहीं इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है. साथ ही केंद्र में किसानों के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है.
किसान क्रेडिट कार्ड से मिले चेक को लेकर किसानों को घंटों लाइन में खड़े होना पड़ रहा है. इसके समाधान को लेकर प्रशासन की ओर से कोई सार्थक पहल भी नहीं की जा रही है. बता दें कि समितियों में पंजीकृत किसानों की संख्या 24 हजार के आसपास है. जिसमें लगभग 18 हजार किसान हर साल केसीसी लोन लेते हैं. पिछले साल शासन के कर्ज माफी के वादे ने इस साल संख्या और बढ़ा दी है.
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6 समितियों से केसीसी कर्ज स्वीकृत
खैरागढ़ सहकारी बैंक के तहत 6 समितियों से किसान क्रेडिट कार्ड के ऋण स्वीकृत किए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि अब तक 6 समितियों के 1 हजार 738 किसानों को 12 करोड़ 5 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान भी कर दिया गया है. जिसमें किसानों को नगद राशि के रूप में 9 करोड़ 41 लाख और खाद-बीज सहित अन्य सामग्री के लिए 2 करोड़ 64 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज दिया जाना शामिल है.
किसानों को दी जा चुकी है राशि
जानकारी के मुताबिक जालबांधा में सबसे ज्यादा किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कर्जा लिया है. यहां 488 किसानों को अब तक 1 करोड़ 12 लाख रुपए नगद और 30 लाख रुपए से ज्यादा की सामग्री केसीसी के तहत दी जा चुकी है. जबकि राशि के मामले में सलोनी समिति सबसे आगे है. यहां 160 किसानों ने 3 करोड़ का कर्ज लिया है.