राजनांदगांव: डोंगरगढ़ रेलवे के ईस्ट केबिन में महाराष्ट्र के मजदूरों से लगातार काम लिया जा रहा है. रेलवे में कार्यरत मजदूर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, जो लगभग हर दिन डोंगरगढ़ ईस्ट केबिन में आकर लगातार ट्रैक खड़े करने का काम कर रहे हैं, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी दूसरे राज्य का व्यक्ति छत्तीसगढ़ में प्रवेश नहीं कर सकता.
बता दें कि डोंगरगढ़ ईस्ट केबिन में महाराष्ट्र से दो ट्रैक मशीन आकर खड़ी है, जो रोज ब्लॉक लेकर डोंगरगढ़ में काम कर रही है. मशीन में कार्यरत कर्मचारी लॉकडाउन के बाद महाराष्ट्र से डोंगरगढ़ आए, जो डोंगरगढ़ के रेलवे कर्मचारियों के साथ रोज काम कर रहे हैं, जबकि SDM का सख्त निर्देश है कि स्थानीय मजदूरों के साथ दूसरे राज्य का कोई भी मजदूर कार्य नहीं करेगा.
इसके बावजूद PWI अधिकारी की ओर से यह काम करवाया जा रहा है. कर्मचारियों का आरोप है कि SSC केवीएस कृष्णा की ओर से डोंगरगढ़ के मजदूरों को न सिर्फ महाराष्ट्र के मजदूरों के साथ काम करवाया जा रहा है, बल्कि हर दो दिन में ट्रैक मशीन को गोंदिया भेजकर डीजल भी मंगवाया जा रहा है.
मजदूरों में घबराहट
जानकारी के मुताबिक, डोंगरगढ़ के मजदूर महाराष्ट्र के मजदूरों के साथ काम करने से घबरा रहे हैं. वहीं कुछ मजदूरों ने उनके साथ काम करने से मना भी कर दिया है. अब सवाल यह उठता है कि जब ट्रैक मशीन डीजल लेने गोंदिया जा रही है और महाराष्ट्र में कोरोना महामारी का सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है. ऐसे में सबके मन में सवाल है कि डीजल लेने के लिए जाने वाले कर्मचारी इस महामारी से अछूते कैसे रह सकते हैं.
अगर भूल से भी कोई कर्मचारी इस महामारी का शिकार हो गया, तो डोंगरगढ़ के मजदूरों में भी इसका संक्रमण फैल जाएगा, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता. कहीं न कहीं इसे सरकार के आदेशों की अवहेलना कहा जा सकता है.
मांगी जाएगी जानकारी
इस मामले में स्टेशन प्रबंधक एमपी अख्तर का कहना है कि महाराष्ट्र के मजदूर कार्यरत हैं. इस मामले में डोंगरगढ़ से जानकारी मांगी जाएगी. फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हर नियम का पालन किया जा रहा है. वहीं इस संबंध में हमें PWI अधिकारी और SDM से कोई जवाब नहीं मिल पाया है.