राजनांदगांव: देवउठनी एकादशी का त्योहार पूरे छत्तीसगढ़ में धूमधाम से साथ मनाया जा रहा है. एकादशी के दिन तुलसी और भगवान शालिग्राम की पूजा की जाती है. त्योहार को लेकर जहां मंदिरों में रौनक है वहीं फल और गन्ने का बाजार भी सजा हुआ है. देवउठनी एकादशी के चलते इस बार गन्ने की कीमतों में तेजी है. दुकानदार इस बार एक जोड़ी गन्ने की कीमत ग्राहकों से 100 रुपए तक ले रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि फसल कम आने से कीमतों में इजाफा हुआ है. राजनांदगांव में कवर्धा और दुर्ग से सबसे ज्यादा गन्ना व्यापारी अपनी फसल बेचने आते हैं. शहर के कई चौक चौराहों पर इस बार गन्ने की दुकान लगी है. एकादशी का त्योहार करने वाले लोग बड़ी संख्या में गन्ना दुकानदारों से खरीद रहे हैं.
100 रुपए जोड़ी बिक रहा गन्ना: त्योहारों के मौकों पर फलों की कीमतों में उछाल आना अब सामान्य सी बात हो गई है. छठ पूजा से पहले जो गन्ना 50 से 60 रुपए जोड़ी मिल रही थी. एकादशी का त्योहार आते ही 50 से 60 रुपए जोड़ी मिलने वाला गन्ना अब 100 रुपए जोड़ी बाजार में मिल रहा है. राजनांदगांव में गन्ना बेचने कवर्धा और दुर्ग से आए व्यापारियों ने कहा कि इस बार कीमतों में तेजी है. देवउठनी एकादशी के त्योहार पर गन्ने की खास तौर से पूजा होती है. भगवान को गन्ने के रस से स्नान भी कराया जाता है.
आज से शुरू हो गए शुभ काम: पारंपरिक त्योहारों में से एक देवउठनी एकादशी का खास महत्व है. मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन ईश्वर जागते हैं. ईश्वर के जागने के बाद से ही सभी शुभ काम शुरू होते हैं. शादी विवाह की तैयारियां भी देवउठनी एकादशी के बाद ही शुरू होती हैं. नामकरण संस्कार से लेकर बड़े सामानों की खरीद फरोख्त भी एकादशी के बाद ही कई लोग करते हैं. मान्यता है कि जब ईश्वर सोए रहते हैं तो शुभ काम नहीं किया जाता.
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