राजनांदगांव/डोंगरगढ़: कोरोना काल में जहां एक ओर सभी आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं डोंगरगढ़ नगर पालिका परिषद ने अपने एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है. मामले को लेकर महादलित संघ ने एसडीएम के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है और निकाले गए कर्मचारी को वापस नौकरी पर रखने की मांग की है.
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ नगर पालिका परिषद में कार्यरत मनीष श्रीवास्तव को नौकरी से निकाले जाने का मामला सामने आया है. कर्मचारी को दोबारा नौकरी पर रखने के लिए शुक्रवार को महादलित संघ के प्रदेश अध्यक्ष मय्यूर हतेल ने डोंगरगढ़ अनुविभागीय अधिकारी और मुख्य नगरपालिका अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.
2011 से कार्यरत है कर्मचारी
मय्यूर ने बताया कि मनीष श्रीवास्तव साल 2011 से नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में कार्यरत है. वे साल 2011 से 2016 तक नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में आवक-जावक और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में अपनी सेवा दे रहे थे. साल 2017 में 3 से 4 महीने स्वच्छता कमांडो के सुपरवाइजर भी रहे थे. साल 2018 से मिशन क्लीन सिटी में घर-घर जाकर रसीद काटने के काम में उन्हें लगाया गया था. इस बीच कर्मचारी की माता जी की तबियत अचानक खराब होने पर वे उनके इलाज के लिए वे कुछ दिनों की छुट्टी पर चले गए. जिसकी जानकारी उन्होंने अपने नगर पालिका प्रभारी को दी थी.
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छुट्टी से वापस लौटने पर काम पर नहीं रखा: कर्मचारी
कर्मचारी ने बताया कि अपनी मां का इलाज कराकर वापस लौटने के बाद से प्रभारी उन्हें काम पर वापस नहीं ले रहा है. उन्हें गुमराह किया जा रहा है. लगातार नगर पालिका में इतने साल तक अपनी सेवाएं देने के बावजूद कर्मचारी को ऐसी वैश्विक महामारी के समय नौकरी से निकाला जाना दुखद है. इसे लेकर महादलित संघ ने SDM के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.