राजगांदगांव: दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीट डोंगरगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर जीत दर्ज है. कांग्रेस प्रत्याशी हर्षिता स्वामी बघेल ने बीजेपी प्रत्याशी विनोद खांडेकर को चुनावी मैदान में पटखनी दी है. इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कुल 76.31 प्रतिशत मतदान हुआ है.
जीत हार का फैक्टर: डोंगरगढ़ विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो डोंगरगढ़ विधानसभा एससी बाहुल्य क्षेत्र है. एससी सीट होने के कारण चुनाव में अनुसूचित जाति निर्णायक भूमिका में रहती है. स्थानीय मुद्दों में बिजली, सड़क शामिल हैं. जिसका असर भी चुनाव पर पड़ता है. इसके साथ ही प्रत्याशी चयन को भी लेकर एक बड़ा फैक्टर काम करता है. यहां साहू समाज,सिख समाज,ईसाई समाज और ओबीसी की संख्या भी कम नहीं है. इन वर्गों के रुख को देखकर ही प्रत्याशी तय किए जाते हैं. डोंगरगढ़ में हिंदू, बौद्ध, ईसाई धर्मों के प्रमुख धर्म स्थल मौजूद हैं. इसके साथ ही एक बड़ी आबादी भी इन समुदायों से जुड़ी हुई रहती हैं.
डोंगरगढ़ विधानसभा सीट का महत्व: डोंगरगढ़ विधानसभा सीट पर 2008 और 2013 में बीजेपी ने डोंगरगढ़ सीट पर कब्जा किया था. साल 2013 में बीजेपी की सरोजनी बंजारे ने कांग्रेस के थानेश्वर पाटिला को कांटे की टक्कर में हरा दिया था. वहीं साल 2008 में बीजेपी के रामजी भारती ने इस सीट पर कब्जा जमाया था. लेकिन 2018 में जनता ने बीजेपी को नकार दिया और कांग्रेस को चुना. 2018 में कांग्रेस के भुनेश्वर बघेल इस विधानसभा सीट से जीतकर विधायक चुने गए थे. वहीं इस बार कांग्रेस ने उनका टिकट काटकर हर्षिता स्वामी बघेल को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इस बार भी कांग्रेस ने डोंगरगांव विधानसभा सीट पर कब्जा किया है.