राजनांदगांव: दुर्ग संभाग की डोंगरगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दलेश्वर साहू ने जीत हगासिल किया है. बीजेपी प्रत्याशी भरतलाल वर्मा को हराकर दलेश्वर साहू ने लगातार दोबारा जीत हासिल किया है. मतगणना के दौरान इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. लेकिन आखिर में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कुल 76.31 प्रतिशत मतदान हुआ है.
जीत हार का फैक्टर: डोंगरगांव विधानसभा में साहू समाज और पिछड़े वर्ग की अच्छी खासी आबादी है. यहां साहू समाज के वोटर्स ही जीत और हार तय करते हैं. इसी कारण राजनीतिक पार्टियां ओबीसी फैक्टर और सामाजिक फैक्टर को देखकर टिकट देती हैं, जिसका फायदा भी प्रत्याशियों को मिलता है. साहू समाज, यादव, वर्मा और अन्य ओबीसी वर्ग से जुड़े जातीय समीकरण होने के कारण हार जीत का अंतर इन्हीं से तय होता है. इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ओबीसी वर्ग का कैंडीडेट चुनाव में उतारे थे. जिसमें कांग्रेस से दलेश्वर साहू ने जातिय समीकरण बिठाने में सफल रहे और डोंगरगढ़ सीट पर दोबारा जीत हासिल किया है.
डोंगरगांव विधानसभा सीट का महत्व: राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विधानसभा सीट की बात की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों का ही इस सीट पर वर्चस्व रहा है. 2008 के विधानसभा चुनाव में डोंगरगाव से बीजेपी प्रत्याशी की विधानसभा चुनाव से जीत हुई थी. वहीं 2013 और 2018 में कांग्रेस के विधायक इस विधानसभा सीट से विजयी होते आ रहे हैं. इस कारण कांग्रेस की मजबूत पकड़ इस विधानसभा सीट में देखने को मिलती है. बीजेपी ने इस बार यहां से प्रत्याशी बदला था और भरतलाल वर्मा को टिकट दिया था. वहीं, कांग्रेस ने मौजूदा विधायक पर ही भरोसा जताया था. 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार का मुख्य कारण जातीय समीकरण था. क्योंकि बीजेपी ने क्षेत्रीय प्रत्याशियों को नजर अंदाज किया था. जिसका फायदा कांग्रेस को मिला. कांग्रेस प्रत्याशी ने दूसरी बार इस विधानसभा सीट में जीत दर्ज की. इस बार भी कांग्रेस ने डोंगरगांव विधानसभा सीट पर कब्जा किया है.