राजनांदगांव: 'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद की आज 114वीं जयंती है. करीब 49 साल पहले राजनांदगांव की धरती पर मेजर ध्यानचंद के कदम पड़े थे और तब से यहां हॉकी की नर्सरी की शुरुआत हुई. एक-एक करके इस नर्सरी ने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्लेयर निकले. जिन्होंने संस्कारधानी को हॉकी की नर्सरी के रूप में अच्छी पहचान दी. बावजूद इसके हॉकी की नर्सरी में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की यादों पर अब धूल पड़ती नजर आ रही है. अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के किनारे मेजर ध्यानचंद की मूर्ति में दरारें आने लगी है.
निगम द्वारा मेजर ध्यानचंद की स्मृति को सजाने के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के किनारे मेजर ध्यानचंद की मूर्ति के साथ एयर मैन बेस्टियन और रामनारायण पटेल की मूर्ति बनवाई गई थी, लेकिन आज इस मूर्ति की हालत बहुत ही खस्ता हो चुकी है. मूर्ति के पीछे बनाया गया शेड बहुत पहले ही उखड़ चुका है और जिस समय शेड उखड़ा था, मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. मूर्ति की हालत इस समय बहुत ही खराब है इसमें कई जगह दरारें आ गई है. पुराने पेंट भी अब निकल कर झड़ने लगे हैं. बावजूद इसके नगर निगम ने इस मूर्ति के संरक्षण के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया है.
खेल प्रेमियों ने भी नहीं जताई आपत्ति
मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर खेल प्रेमियों ने मूर्ति पर माल्यार्पण किया, लेकिन मूर्ति की स्थिति को देखने की किसी ने भी जहमत नहीं उठाई. खेल प्रेमियों ने मूर्ति पर माल्यार्पण कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली और जर्जर हुई मूर्ति को जस का तस छोड़ दिया. नगर निगम के बनाए गए इस वाटिका में आवारा मवेशियों का कब्जा हो गया है. नगर निगम यहां की व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है.
ऐसी है मेजर ध्यानचंद की यादें
बताया जाता है कि रियासत काल से ही हॉकी का क्रेज राजनांदगांव में रहा है. 49 साल पहले जब मेजर ध्यानचंद यहां पर पहुंचे थे तो उन्हें यहां के गली और मोहल्ले में हॉकी के प्रति दीवानगी दिखी थी और इसे तभी से हॉकी का नर्सरी कहा गया था. तब से लेकर आज तक यहां से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल चुके हैं. इसमें मृणाल चौबे, रेणुका यादव, रेणुका राजपूत जैसे खिलाड़ी हॉकी की नर्सरी की पहचान है.