राजनांदगांव : राजनांदगांव नगर निगम के पूर्व महापौर और कांग्रेस नेता नरेश डाकलिया ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के समझाइस पर नरेश डाकलिया ने अपना नाम कांग्रेस के समर्थन में वापस ले लिया. नाम वापस लेने के बाद नरेश डाकलिया ने कहा कि कांग्रेस के हाथ को मजबूत करना है.इसलिए गिरीश देवांगन को जीताना है.अब समझ में नहीं आ रहा है कि जब आपको गिरीश देवांगन का समर्थन ही करना था तो इतना हो हल्ला करके नामांकन भरने की जरुरत क्या था. अब उन साढ़े तीन सौ कार्यकर्ताओं की बात कहां चली गई,जिनके बूते नरेश जी ने नामांकन भरा था.
टिकट नहीं मिलने पर हुए थे नाराज : आपको बता दें कि राजनांदगांव विधानसभा से कांग्रेस की टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व महापौर नरेश डाकलिया को पार्टी ने टिकट नहीं दिया था.जिसके बाद पार्टी से बगावत कर नरेश डाकलिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा था . इस दौरान नामांकन रैली में शक्ति प्रदर्शन भी किया था.इस दौरान नरेश डाकलिया ने आरोप लगाए थे कि राजनांदगांव में बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिया गया है.लेकिन ना जाने इन तीन दिनों में ऐसा क्या हुआ कि नरेश डाकलिया को बाहरी प्रत्याशी अब प्यारा और कर्मठ लगने लगा है.
''कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के समझाइस पर उन्होंने अपना नाम वापस लिया है. राजनांदगांव के कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन को चुनाव जीताना है. कांग्रेस के हाथ को मजबूत करना है.'' नरेश डाकलिया, कांग्रेस नेता
बागियों को मनाने में कामयाब हो रहे राजनीतिक दल : विधानसभा चुनाव की टिकट नहीं मिलने की वजह से कई नेता बगावत कर रहे थे. लेकिन लगभग सभी नेताओं को अपनी-अपनी पार्टियों ने मना लिया है. खासकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने बागियों को अपने खेमे में ले लिया है. इसी कड़ी में नरेश डाकलिया ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है.लेकिन नरेश ने सिर्फ नाम वापस लिया है या फिर चुनाव में कुछ नया करने वाले हैं,ये आने वाला समय बताएगा.