राजनांदगांव: भर्रेगांव में आयोजित विशाल किसान अन्नदाता सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर उनकी मूर्ति का लोकार्पण किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिले के लोगों को 24 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी.
चंदूलाल चंद्राकर की मूर्ती का सीएम ने किया अनावरण: पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "आज भरे गांव में चंदूलाल जी की स्मृति में विशाल किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया और उनकी मूर्ति का अनावरण किया गया. चंदूलाल चंद्राकर जहां सांसद रहे, केंद्रीय मंत्री रहे, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे. कांग्रेस के और विभिन्न पदों पर रहे. छत्तीसगढ़ राज्य को बनाने में उनका बड़ा योगदान रहा. आज उनकी स्मृति में किसान सम्मेलन व पैरादान करने वालों का सम्मान किया गया."
छत्तीसगढ़ में ₹3000 प्रति क्विंटल के हिसाब से कुटकी की खरीदी: मुख्यमंत्री ने मिलेट्स कोदो, कुटकी समर्थन मूल्य को लेकर कहा कि "केंद्र ने अभी तक कोदो कुटकी को लेकर समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है. हमने छत्तीसगढ़ में ₹3000 प्रति क्विंटल के हिसाब से पिछले साल 52 हजार क्विंटल हमने कोदो कुटकी की खरीदी की थी. हमारा मिलेट्स प्लांट भी शुरू हो गया है. साथी संजीवनी या महिला समूह के द्वारा भी कुटाई करके बेचने का काम भी हो रहा है मिलेट्स से 22 प्रकार की वस्तुएं भी बन रही है. छत्तीसगढ़ इस मामले में बहुत आगे है. भारत सरकार से कहना चाहूंगा समर्थन मूल्य घोषित करें.
आज कृषि के क्षेत्र में लोगों का रुझान बढ़ा है: प्रदेश में रिकॉर्ड धान खरीदी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि "मैं सभी अन्नदाता को बधाई देता हूं की आज कृषि के क्षेत्र में लोगों का रुझान बढ़ा है. 12 लाख से बढ़ कर 23 लाख से अधिक किसान धान बेचे हैं. 55 लाख मीट्रिक टन के बजाय 107 लाख मीट्रिक टन साथ ही जमीन का रकबा भी बड़ा है,एथेनॉल प्लांट का इसलिए जरूरत है. 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी होती है. बहुत सारे किसान हैं जो 20 क्विंटल 25 क्विंटल से भी अधिक धान का उत्पादन करते हैं. तो वह धान को 12 13 सौ में बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं समर्थन मूल्य उन्हें नहीं मिल पाता."
राज्यपाल की अनुमति के बाद होगी जांच: पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक मामले में शिकायत के मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि "इस मामले को लेकर राज्यपाल से सहमति लेनी पड़ती है. राज्यपाल के पास भेजा गया है. लेकिन अभी तक की अनुमति दी नहीं है. अनुमति मिले तब जांच की जाएगी."