राजनांदगांव: राजनांदगांव विधानसभा सीट की फाइट इस बार सबसे टाइट थी. हाइप्रोफाइल सीट होने के चलते राजनांदगांव सीट हॉट सीटों में गिना जा रहा था. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और कांग्रेस के गिरीश देवांगन का यहां मुकाबला दिलचस्प रहा. राजनांदगांव की जनता रमन सिंह राजनांदगांव का विकास पुरुष भी मानती है. अपने कार्यकाल में रमन सिंह ने राजनांदगांव को रायपुर की तर्ज पर विकसित किया. किसानों के लिए मोंगरा बैराज की बात की जाए या फिर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की. राजनांदगांव के लोगों के लिए तमाम वो सुविधाएं तैयार की जो जरूरी थी.
रमन को गढ़ को घेरने की थी तैयारी: रमन सिंह ने अपने कार्यकाल में राजनांदगांव में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक हॉकी स्टेडियम भी तैयार किया जो उनकी बड़ी उपलब्धियों में शामिल हैं. रमन सिंह को चाउर वाले बाबा के नाम से भी लोग जानते हैं. एक रुपए किलो चावल जनता को पीडीएस सिस्टम के जरिए देने का काम जो किया उससे वो जनता के बीच लोकप्रिय हो गए. पार्षद से सियासत की शुरुआत करने वाले रमन सिंह अपनी सियासी मेहनत की बदौलत विधायक बने फिर छत्तीसगढ़ के 15 साल मुख्यमंत्री रहे.
भूपेश बघेल ने की थी रमन सिंह को हराने की अपील: 2023 विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई बार रमन सिंह को हराने की अपील जनता से की थी. भूपेश बघेल ने कहा था कि इस बार बीजेपी का फिर सूपड़ा साफ करने वाले हैं, खुद रमन सिंह अपनी सीट इस बार राजनांदगांव नहीं बचा पाएंगे. जवाब में रमन सिंह ने भी पलटवार किया और कहा कि इस बार हम 46 और 48 सीट पर नहीं रुकने वाले हैं, बीजेपी इस बार 52 से लेकर 55 सीट तक लाएगी. अब नतीजों में देखिए जनता ने राजनांदगांव से किसे चुना है