राजनांदगांव\डोंगरगांव: बुनकरों को काम मिले और उनकी परंपरा भी चलती रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ का पहला और जिले का एकमात्र कंबल प्रोसेसिंग यूनिट डोंगरगांव के आमगांव में स्थापित की गई है. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस यूनिट की हालत खराब है. लॉकडाउन के दौरान बंद रहने के बाद दोबारा कंबल प्रोसेसिंग यूनिट को खोल दिया गया है, लेकिन इस दौरान इस यूनिट को काफी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है.
प्रदेश का पहला कंबल प्रोसेसिंग यूनिट
इस कंबल प्रोसेसिंग यूनिट का लोकापर्ण भाजपा शासन काल में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में 21 सितंबर 2013 को किया गया था, लेकिन यहां कबंल बनाने का काम वर्ष 2014-15 में शुरू हुआ था. शुरुआती तौर पर कंबल प्रोसेसिंग से शुरू हुए काम के बाद अब ब्लेजर और यूनिफॉर्म भी बनाए जा रहे हैं. इस यूनिट से शासकीय कार्यालयों जिसमें अस्पताल, पुलिस, छात्रावास सहित जिन शासकीय कार्यालयों का ऑर्डर मिलता है, उन्हें माल सप्लाई किया जाता है.
कंबल के साथ ब्लेजर और यूनिफॉर्म बनाने का भी काम
पिछले साल करीब 60-70 हजार कंबल सप्लाई किया गया था. इस यूनिट में अच्छी क्वॉलिटी के कंबल के साथ-साथ स्कूली छात्र-छात्राओं के यूनिफॉर्म और ब्लेजर भी बनाए जाते हैं. वहीं शासन ने इन प्रोडक्ट को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए बिलासा हैंडलूम भी स्थापित किया है. जहां से इन्हें खरीदा जा सकता है. राजनांदगांव के पुराना अस्पताल रोड में बिलासा हैंडलूम की दुकान संचालित है.
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लॉकडाउन के कारण फिलहाल यूनिट से माल का उठाव नहीं हो पा रहा है. जिससे स्टॉक जाम हो गया है. इसके साथ ही काम भी ठप है और आस-पास के मजदूरों की रोजी रोटी छिन गई है. प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार मांग कम है और स्टाॅक बहुत ज्यादा हो गया है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके दो गोदाम राॅ मटेरियल से भरे पड़े हैं और करीब दो वर्ष तक आपूर्ति किया जा सकता है. जिसके चलते यूनिट तंगहाली में घाटा झेल रहा है.
ऐसे होता है प्रोसेसिंगः-
आमगांव स्थित कंबल प्रोसेसिंग यूनिट में कई क्वालिटी के कंबल तैयार किये जाते हैं. प्रोसेसिंग यूनिट के मुख्य ऑपरेटर शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रोसेसिंग में लगी मशीनरी के माध्यम से काम होता है. जिसमें प्रोसेसिंग का काम सबसे पहले स्टीम के जरिए किया जाता है. जो स्टैंडर्ड मशीन में जाता है जहां सुखाई का कार्य किया जाता है. सुखाई के बाद रेसिंग मशीन में जाती है, जिसके बाद यह पेरस होता है. इनके बीच में मीलिंग का कार्य किया जाता है जहां हार्ड राॅ मटेरियल एक दूसरे धागे से मिल जाते हैं और कंबल सॉफ्ट हो जाता है. इसके बाद कंबल को कटिंग और सिलाई के लिए भेजा जाता है. इस काम के बाद इसमें लेबल और पैकेजिंग किया जाता है और ऑर्डर के अनुसार सप्लाई की जाती है.
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