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Chaturmas Mahamahotsav In Rajnandgaon: साधु को राजनेता का मार्गदर्शन करना चाहिए, बिना आध्यात्म के राजनीति संभव नहीं: स्वामी आत्मानंद सरस्वती - Swami Atmanand Saraswati Ji Maharaj

Chaturmas Mahamahotsav In Rajnandgaon: राजनांदगांव के सांकरदाहरा में 30 सितंबर को चातुर्मास महामहोत्सव का समापन होगा. ये महामहोत्सव 18 जुलाई से शुरू हुआ था. 28 सितंबर तक ये चलेगा. 30 सितंबर को सीएम बघेल भी समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे.

Jagatguru Shankaracharya Swami Atmanand Saraswati Ji Maharaj
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 24, 2023, 11:39 PM IST

राजनांदगांव में चातुर्मास महामहोत्सव

राजनांदगांव: राजनांदगांव जिले के प्रयाग सांकरदाहरा में चातुर्मास महामहोत्सव का आयोजन 18 जुलाई से किया जा रहा है. ये महामहोत्सव 28 सितम्बर तक आयोजित किया गया है. 30 सितंबर को महामहोत्सव का समापन है. चातुर्मास महामहोत्सव में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य में प्रवचन, रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय रुद्र महायज्ञ किया जा रहा है.चातुर्मास के समापन के मौके पर 30 सितम्बर को विशाल राष्ट्रीय संत सम्मेलन और किसान मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा. इसमें देश भर के संत सांकरदाहरा पहुंचेंगे. इस दौरान सीएम बघेल भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.

पिछले साल बालोद में हुआ था महामहोत्सव: इस बारे में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि, " बीते वर्ष बालोद में चातुर्मास का आयोजन किया गया था. उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में दोबारा चातुर्मास कार्यक्रम का आयोजन हो. इस पर क्षेत्रवासियों की आस्था, भक्ति और सहयोग के कारण चातुर्मास चल रहा है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के प्रशासक नवाज खान के सहयोग से सांकरदाहरा में चातुर्मास का आयोजन हुआ है."

अध्यात्म के बिना राजनीति संभव नहीं: जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि, "बिना आध्यात्म के राजनीति संभव नहीं है. राजनीति के बिना आध्यात्म संभव नहीं है. पुरातन काल में भी सभी राजाओं के राजगुरु होते थे. सन्त को राजनीति नहीं करनी चाहिए. पर राजनीति में पूरा नियंत्रण रखने का प्रयास करना चाहिए ताकि शासक पथभ्रष्ट न हों. शास्त्रों में भी कहा गया है कि साधु को राजनेता का मार्गदर्शन करना चाहिए."

हिन्दू और हिंदुत्व को लेकर हमारा मत स्पष्ट है कि हमें किसी भी धर्म विशेष का राष्ट्र नहीं चाहिए. हमें एक सशक्त, विकसित, सम्पन्न और संप्रभुता से परिपूर्ण भारत चाहिए. -स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य

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बता दें कि राजनांदगांव के सांकरदाहरा मोक्ष धाम में चातुर्मास महामहोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. महामहोत्सव में भारी तादाद में क्षेत्रवासी और जिले के सैंकड़ो लोग शामिल हो रहे हैं. 30 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी सांकरदाहरा पहुंचेंगे. इसी दिन महामहोत्सव का समापन होगा.

राजनांदगांव में चातुर्मास महामहोत्सव

राजनांदगांव: राजनांदगांव जिले के प्रयाग सांकरदाहरा में चातुर्मास महामहोत्सव का आयोजन 18 जुलाई से किया जा रहा है. ये महामहोत्सव 28 सितम्बर तक आयोजित किया गया है. 30 सितंबर को महामहोत्सव का समापन है. चातुर्मास महामहोत्सव में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य में प्रवचन, रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय रुद्र महायज्ञ किया जा रहा है.चातुर्मास के समापन के मौके पर 30 सितम्बर को विशाल राष्ट्रीय संत सम्मेलन और किसान मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा. इसमें देश भर के संत सांकरदाहरा पहुंचेंगे. इस दौरान सीएम बघेल भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.

पिछले साल बालोद में हुआ था महामहोत्सव: इस बारे में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि, " बीते वर्ष बालोद में चातुर्मास का आयोजन किया गया था. उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में दोबारा चातुर्मास कार्यक्रम का आयोजन हो. इस पर क्षेत्रवासियों की आस्था, भक्ति और सहयोग के कारण चातुर्मास चल रहा है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के प्रशासक नवाज खान के सहयोग से सांकरदाहरा में चातुर्मास का आयोजन हुआ है."

अध्यात्म के बिना राजनीति संभव नहीं: जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि, "बिना आध्यात्म के राजनीति संभव नहीं है. राजनीति के बिना आध्यात्म संभव नहीं है. पुरातन काल में भी सभी राजाओं के राजगुरु होते थे. सन्त को राजनीति नहीं करनी चाहिए. पर राजनीति में पूरा नियंत्रण रखने का प्रयास करना चाहिए ताकि शासक पथभ्रष्ट न हों. शास्त्रों में भी कहा गया है कि साधु को राजनेता का मार्गदर्शन करना चाहिए."

हिन्दू और हिंदुत्व को लेकर हमारा मत स्पष्ट है कि हमें किसी भी धर्म विशेष का राष्ट्र नहीं चाहिए. हमें एक सशक्त, विकसित, सम्पन्न और संप्रभुता से परिपूर्ण भारत चाहिए. -स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य

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बता दें कि राजनांदगांव के सांकरदाहरा मोक्ष धाम में चातुर्मास महामहोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. महामहोत्सव में भारी तादाद में क्षेत्रवासी और जिले के सैंकड़ो लोग शामिल हो रहे हैं. 30 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी सांकरदाहरा पहुंचेंगे. इसी दिन महामहोत्सव का समापन होगा.

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