राजनांदगांव: राजनांदगांव के शासकीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेंड्री में पढ़ने वाले बच्चों को वापस ले जाने के लिए उनके पालक मजबूर हो गए हैं. बच्चों की सुविधा और सुरक्षा की मांग को लेकर कई बार शासन-प्रशासन से मांग करने के बाद भी समाधान नहीं हो सका है, न ही काेई सुधार हुआ. लगातार शिकायतों और विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद अब तक व्यवस्थाओं में सुधार नहीं पाया है. अंत में मजबूर होकर पालक अपने बच्चों को असुरक्षित पाकर उन्हें वापस घर ले गए है.
अपने बच्चों को पालक साथ ले गए परिजन: पालक संघ के अध्यक्ष रमेश हिड़ामे ने बताया कि "पिछले 24 जनवरी को मीडिया के माध्यम से शासन को सूचित किया गया था. इसके पहले भी इस विषय में अधिकारियों को अवगत किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी स्कूल की व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. इस वजह से आज हम अपने बच्चों को ले जाने आए हैं." इसके बाद सभी पालक अपने बच्चों को साथ ले गये.
व्यवस्था में सुधार ना होने पर आंदोलन की चेतावनी: पालक संघ के अध्यक्ष रमेश हिड़ामे ने कहा कि "बच्चियों के छात्रावास में आसामाजिक लोगों का प्रवेश हुआ है. इसकी शिकायत हमने लालबाग थाना और एसपी से की, लेकिन उसमें अब तक जांच की कोई जानकारी हमें नहीं मिली है और ना ही कोई कार्रवाई की गई. इस वजह से हम अपने बच्चों को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उन्हें ले जाने आये हैं." उन्होंने ने 31 जनवरी तक व्यवस्था में सुधार ना होने पर 1 फरवरी को आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.
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प्रभारी प्राचार्या ने निलंबित प्राचार्य को ठहराया जिम्मेदार: प्रभारी प्राचार्या अक्षदा वांदिले ने बताया कि "सहायक आयुक्त और हमने बच्चों के पालकों को समझाइश दी है. लेकिन वो अपनी स्वेच्छा से ले जाना चाहते हैं, तो ले जा सकते हैं. निलंबित प्राचार्य की वजह से यह सब हो रहा है."
मामले में स्कूल प्रबंधन के फैसले पर नजर: पालकों ने इस संबंध में 11 दिसंबर 2022 को प्रदर्शन किया था. लेकिन अफसरों के आश्वासन पर वह शांत हो गए थे।इसके बाद भी वहां व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है. पिछले एक साल में 4 बार प्राचार्य बदले गए हैं. आरोप है कि आर्थिक अनियमिता बरती जाती है, इसके साथ ही अव्यवस्था का आलम बना हुआ है. निर्माण और खरीदी में भ्रष्टाचार किया जाता है. हाल ही में यहां प्राचार्य को निलंबित किया गया है. अब देखना होगा कि स्कूल प्रबंधन इस पूरे मामले में क्या निर्णय लेते हैं.