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सीईओ पर जनपद उपाध्यक्ष से दुर्व्यवहार का आरोप, CEO ने कहा- 'हो रही राजनीति'

कोरबा जनपद पंचायत के CEO एसएस रात्रे के खिलाफ जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी ने दुर्व्यवहार की शिकायत की है. वहीं अधिकारी ने जनपद उपाध्यक्ष के पुत्र पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है.

District Panchayat Korba
जिला पंचायत कोरबा
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Published : Jun 1, 2020, 5:55 PM IST

कोरबा : नगर निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों में पार्षद सरपंच, जनपद अध्यक्ष जैसे पदों पर महिलाओं ने चुनाव जीतकर परचम लहराया है. चुनाव जीतने के बाद महिला जनप्रतिनिधि फिर से घर के कामकामज में व्यस्त हो गई, जिसका फायदा उठाकर उनके पति, पुत्र और पुरुष रिश्तेदार राजनीति कर रहे हैं. जिससे खींचतान के साथ ही विवाद भी बढ़ गया है.

कोरबा में सीईओ पर बदसलूकी का आरोप

ताजा मामला कोरबा जनपद पंचायत के CEO एसएस रात्रे से जुड़ा है. जिनके खिलाफ जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी ने बदसलूकी करने का आरोप लगाया है. जबकि इस मामले में CEO रात्रे का कहना है कि महिला उपाध्यक्ष के पुत्र, गुलाब वैष्णव ने फोन पर अभद्रता की और बदले में महिला ने ही उल्टे उनके खिलाफ शिकायत कर दी.

अफसर दबी जुबान में यह भी कहते हैं कि अनर्गल काम के लिए दबाव बनाने, सरकारी आवंटित राशि में हिस्सेदारी करने जैसे कई मामलों में प्रतिनिधियों के पति और पुरुष रिश्तेदारों का दखल बढ़ता जा रहा है. लेकिन सरकार इन सबसे अंजान है.

पुरुष रिश्तेदारों का दखल बढ़ रहा

त्रिस्तरीय पंचायती राज को लेकर नियम तो बना दिए गए पर स्वशासी संस्थाओं में इस मुद्दे पर नकेल नहीं कसी गई.जिसके कारण महिला जनप्रतिनिधियों की बजाय उनके पति, पुरुष रिश्तेदारों का कामकाज में दखल बढ़ रहा है.

पढ़ें-कोरबा: जमीन विवाद में दो पड़ोसियों में मारपीट, एक गंभीर रूप से घायल

लगातार हो रहे विवाद

महिला सशक्तिकरण के लिए जिला और जनपद पंचायतों में महिला आरक्षण का मकसद था कि इससे महिलाओं में नेतृत्व करने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा, जबकि ऐसा हो नहीं रहा है, इसके ठीक विपरीत अधिकारियों से महिला जनप्रतिनिधि के पुरुष परिजनों के लगातार विवाद होते रहते हैं, जिससे कामकाज बाधित होता है.

कोरबा : नगर निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों में पार्षद सरपंच, जनपद अध्यक्ष जैसे पदों पर महिलाओं ने चुनाव जीतकर परचम लहराया है. चुनाव जीतने के बाद महिला जनप्रतिनिधि फिर से घर के कामकामज में व्यस्त हो गई, जिसका फायदा उठाकर उनके पति, पुत्र और पुरुष रिश्तेदार राजनीति कर रहे हैं. जिससे खींचतान के साथ ही विवाद भी बढ़ गया है.

कोरबा में सीईओ पर बदसलूकी का आरोप

ताजा मामला कोरबा जनपद पंचायत के CEO एसएस रात्रे से जुड़ा है. जिनके खिलाफ जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी ने बदसलूकी करने का आरोप लगाया है. जबकि इस मामले में CEO रात्रे का कहना है कि महिला उपाध्यक्ष के पुत्र, गुलाब वैष्णव ने फोन पर अभद्रता की और बदले में महिला ने ही उल्टे उनके खिलाफ शिकायत कर दी.

अफसर दबी जुबान में यह भी कहते हैं कि अनर्गल काम के लिए दबाव बनाने, सरकारी आवंटित राशि में हिस्सेदारी करने जैसे कई मामलों में प्रतिनिधियों के पति और पुरुष रिश्तेदारों का दखल बढ़ता जा रहा है. लेकिन सरकार इन सबसे अंजान है.

पुरुष रिश्तेदारों का दखल बढ़ रहा

त्रिस्तरीय पंचायती राज को लेकर नियम तो बना दिए गए पर स्वशासी संस्थाओं में इस मुद्दे पर नकेल नहीं कसी गई.जिसके कारण महिला जनप्रतिनिधियों की बजाय उनके पति, पुरुष रिश्तेदारों का कामकाज में दखल बढ़ रहा है.

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लगातार हो रहे विवाद

महिला सशक्तिकरण के लिए जिला और जनपद पंचायतों में महिला आरक्षण का मकसद था कि इससे महिलाओं में नेतृत्व करने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा, जबकि ऐसा हो नहीं रहा है, इसके ठीक विपरीत अधिकारियों से महिला जनप्रतिनिधि के पुरुष परिजनों के लगातार विवाद होते रहते हैं, जिससे कामकाज बाधित होता है.

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