राजनांदगांव: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने के मामला स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव तक पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. सिंहदेव ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी डीन को दी है.
सोमवार देर रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर के फटने से अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज की मौत हो गई थी. हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने ऑक्सीजन सिलेंडर से मरीज की मौत की बात को सिरे से खारिज कर दिया है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक अजय कोसा का कहना है कि मृतक पहले से ही पेट का इलाज कराने के लिए ICU में भर्ती था और उसकी हालत गंभीर थी. जिससे उसकी मौत हुई है.
वार्ड ब्वॉय बदल रहा था ऑक्सीजन सिलेंडर
मामले में साफ तौर पर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है. सिलेंडर फटने के बाद मरीज की मौत हुई है. ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने का काम ICU में वार्ड बॉय देख रहा था. सोमवार देर रात जैसे ही ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने की कोशिश की, अचानक सिलेंडर ब्लास्ट हो गया जिससे अधिक मात्रा में मरीज के शरीर में ऑक्सीजन चला गया और उसकी मौत हो गई.
पोस्टमॉर्टम के बाद होगा खुलासा
मामले में मृतक के पोस्टमार्टम के बाद पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा. हालांकि मामले में जिला प्रशासन ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं. सुबह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जिला प्रशासन की टीम जांच के लिए पहुंची, जहां उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए.
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9 लोगों को किया शिफ्ट
अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक अजय कोसा ने बताया कि ICU में इलाज करा रहे मृतक के अलावा 9 लोगों को अलग वार्ड में शिफ्ट किया गया है. मौके पर आग लगने के खतरे को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने आईसीयू में भर्ती मरीजों को अलग वार्ड में शिफ्ट कर दिया है हालांकि इनमें कोई भी हताहत नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि अगर मौके पर पुलिस के जवान नहीं पहुंचते तो बड़ी आगजनी की घटना हो सकती थी.
बालोद निवासी था मृतक
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पेट की बीमारी का इलाज कराने पहुंचे बालोद जिले के कईल गांव के निवासी 65 वर्षीय मोहन सिंह को ICU में ऑक्सीजन पर रखा गया था. देर रात ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने के दौरान हुए हादसे में उनकी मौत हो गई है. मामले को लेकर जिला प्रशासन की टीम ने जांच की है. जांच में मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए जाने की बात सामने आ रही है. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अब तक इस मामले में कुछ भी कहने से साफ तौर पर बच रहे हैं. हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्रभारी अधीक्षक अजय कोसा ने पूरे मामले में मौजूदा पुलिस कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. घटना के दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी मामले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर किया है.