राजनांदगांव: देश में ही नहीं छत्तीसगढ़ में भी किसान के मुद्दे पर लगातार सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी लगातार छत्तीसगढ़ में हो रही किसानों की आत्महत्या और मौत को लेकर सरकार को घेर रही है, तो वहीं कांग्रेस सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. हाल ही में धान खरीदी केंद्र में हुई किसान की मौत का मामला इन दिनों तूल पकड़ रहा है. घुमका के धान खरीदी केंद्र में किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. किसान के परिजनों का आरोप है कि धान खरीदी केंद्र में रिश्वत मांगने की वजह से सदमे में किसान की मौत हुई है.
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बुधवार को प्रदेश में सियासी पारा काफी गर्म रहा एक और घुमका सोसायटी में गिधवा निवासी किसान करण साहू की मौत हो गई. इस मामले में सोसायटी के कर्मचारियों पर धान बेचने के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप लग रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि इस वजह से ही सदमे में आकर किसान को हार्ट अटैक आ गया. इस पूरे मामले पर बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उनका कहना है कि राज्य शासन धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्था नहीं कर पा रही है. किसानों के हितैषी बनने का नाटक करते हुए किसानों को अव्यवस्था के बीच झोंक दिया गया है, जिससे उनकी जान पर बन आई है. मृतक किसान राज्य शासन की ऐसी ही एक अव्यवस्था का शिकार हुआ है. उन्होंने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 'भूपेश सरकार किसानों के हितों की बात तो करती है, लेकिन किसानों को धान खरीदी में अच्छी व्यवस्था तक नहीं दे पा रही है.' दूसरी ओर बारदाना खरीदी को लेकर भी उन्होंने राज्य सरकार को दोषी माना है. उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ जैसे धान प्रधान राज्य में धान खरीदी के लिए पहले से तैयारी नहीं करना राज्य शासन की दूरदर्शिता का परिणाम है, जिसका खामियाजा आज किसान भुगत रहे हैं.
एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की हुई खरीदी
प्रदेश में 9 दिसम्बर तक 13 लाख 21 हजार मीट्रिक धान की खरीदी की गई है. अब तक राज्य के 3 लाख 69 हजार 561 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है. इनमें से 3 लाख 34 हजार 256 किसानों को एक हजार 563 करोड़ रुपए का ऑनलाइन भुगतान किया गया है. राजनांदगांव में एक लाख 21 हजार 648 मीट्रिक टन धान खरीदी की जा चुकी है.