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जानिए शिक्षा का हाल, इस जिले में 65% मिडिल स्कूल के बच्चों को नहीं आता गुणा-भाग - students

ASER के अनुसार 65 फीसदी मिडिल स्कूल के बच्चे गुणा-भाग में पूरी तरह से फेल हैं. वहीं प्राइमरी स्कूल के 60 फीसदी बच्चों को जोड़ना और घटाना तक नहीं आता.

राजनांदगांव
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Published : Apr 2, 2019, 10:04 AM IST

Updated : Apr 2, 2019, 1:17 PM IST

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राजनांदगांवः एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट ने जिले की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है. जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चे अब तक जोड़-घटाव और गुणा-भाग तक ठीक से नहीं सीख पाए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार 65 फीसदी मिडिल स्कूल के बच्चे गुणा-भाग में पूरी तरह से फेल हैं. वहीं प्राइमरी स्कूल के 60 फीसदी बच्चों को जोड़ना और घटाना तक नहीं आता.

इस रिपोर्ट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में किस तरह की गिरावट आ रही है. बता दें कि ASER हर साल देशभर में स्कूली शिक्षा को लेकर सर्वे करता है.

रिपोर्ट के आंकड़े

  • तीसरी से पांचवीं कक्षा के 59.4% छात्र नहीं पढ़ पाते कक्षा दूसरी की किताबें.
  • तीसरी से पांचवीं कक्षा तक 60.1% छात्र नहीं जानते जोड़ना और घटाना.
  • छठवीं से आठवीं कक्षा तक के 23.7% छात्रों को नहीं आता किताब पढ़ना.
  • तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के 40.6% बच्चे ही हिंदी में भी कक्षा दूसरी की किताब पढ़ सकते हैं.
  • छठवीं से आठवीं कक्षा तक के 76.3% बच्चे ही कक्षा दूसरी की किताब पढ़ पाते हैं.
  • गणित में भी स्थिति खराब है. तीसरी से पांचवी कक्षा तक के 39.9% बच्चे ही जोड़ना और घटाना कर पाते हैं.
  • छठवीं से आठवीं कक्षा तक के 35.5% बच्चे ही गुणा और भाग आसानी से कर पाते हैं.

ऐसे हैं सरकारी स्कूलों के आंकड़े
जिले में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1 हजार 845 हैं. वहीं 787 मिडिल स्कूल हैं. इन स्कूलों में पहली कक्षा में तकरीबन 3 हजार 451 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं. वहीं आठवीं कक्षा में 4 हजार 858 छात्र अध्ययनरत हैं. इन छात्रों को अध्यापन व्यवस्था के लिए वर्ग 2 और वर्ग 3 के शिक्षाकर्मी मौजूद हैं.

'किए जा रहे सुधार के प्रयास'
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जीके मरकाम का कहना है कि बच्चों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. रिपोर्ट्स देखने के बाद कई बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा. आने वाले समय में स्थिति में काफी सुधार होगा.

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राजनांदगांवः एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट ने जिले की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है. जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चे अब तक जोड़-घटाव और गुणा-भाग तक ठीक से नहीं सीख पाए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार 65 फीसदी मिडिल स्कूल के बच्चे गुणा-भाग में पूरी तरह से फेल हैं. वहीं प्राइमरी स्कूल के 60 फीसदी बच्चों को जोड़ना और घटाना तक नहीं आता.

इस रिपोर्ट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में किस तरह की गिरावट आ रही है. बता दें कि ASER हर साल देशभर में स्कूली शिक्षा को लेकर सर्वे करता है.

रिपोर्ट के आंकड़े

  • तीसरी से पांचवीं कक्षा के 59.4% छात्र नहीं पढ़ पाते कक्षा दूसरी की किताबें.
  • तीसरी से पांचवीं कक्षा तक 60.1% छात्र नहीं जानते जोड़ना और घटाना.
  • छठवीं से आठवीं कक्षा तक के 23.7% छात्रों को नहीं आता किताब पढ़ना.
  • तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के 40.6% बच्चे ही हिंदी में भी कक्षा दूसरी की किताब पढ़ सकते हैं.
  • छठवीं से आठवीं कक्षा तक के 76.3% बच्चे ही कक्षा दूसरी की किताब पढ़ पाते हैं.
  • गणित में भी स्थिति खराब है. तीसरी से पांचवी कक्षा तक के 39.9% बच्चे ही जोड़ना और घटाना कर पाते हैं.
  • छठवीं से आठवीं कक्षा तक के 35.5% बच्चे ही गुणा और भाग आसानी से कर पाते हैं.

ऐसे हैं सरकारी स्कूलों के आंकड़े
जिले में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1 हजार 845 हैं. वहीं 787 मिडिल स्कूल हैं. इन स्कूलों में पहली कक्षा में तकरीबन 3 हजार 451 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं. वहीं आठवीं कक्षा में 4 हजार 858 छात्र अध्ययनरत हैं. इन छात्रों को अध्यापन व्यवस्था के लिए वर्ग 2 और वर्ग 3 के शिक्षाकर्मी मौजूद हैं.

'किए जा रहे सुधार के प्रयास'
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जीके मरकाम का कहना है कि बच्चों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. रिपोर्ट्स देखने के बाद कई बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा. आने वाले समय में स्थिति में काफी सुधार होगा.

Intro:राजनांदगांव शिक्षा के क्षेत्र में जिले की स्थिति काफी खराब होती जा रही है जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों को जहां जोड़ घटाना और गुणा भाग ठीक से नहीं सीख पाए हैं वहीं 65 फ़ीसदी मिडिल स्कूल के ऐसे बच्चे हैं जो गुणा भाग में पूरी तरीके से फेल है प्राइमरी के 60 फ़ीसदी बच्चे जोड़ घटाना में फेल है एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में किस तरह की गिरावट आ रही है.


Body:एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट यानी असर हर साल देशभर में सर्वे का निजी स्कूलों में जाने वाले बच्चे स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर सर्वे करता है जिले में हुए इस सर्वे में इस बार जो आंकड़े सामने आए हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं यह असर की तेल की रिपोर्ट है जो पूरे छत्तीसगढ़ की स्थिति बयां कर रही है. इस रिपोर्ट में जिले के प्राइमरी के साथ फ़ीसदी बच्चे जोड़ घटाना नहीं कर पा रहे हैं वहीं मिडिल स्कूल के 65 फ़ीसदी बच्चे गुणा भाग में पूरी तरीके से फेल हो गए हैं.
ऐसे हैं रिपोर्ट के आंकड़े
0 तीसरी से पांचवी 59.4% छात्र नहीं पढ़ पाते कक्षा दूसरी की किताबें
0 तीसरी से पांचवी तक 60.1% छात्र नहीं जानते जोड़ और घटाना
0 छठवीं से आठवीं तक 23.7 प्रतिशत को नहीं आता किताब पढ़ना
0 हिंदी में भी तीसरी से पांचवी तक के 40.6% बच्चे ही कक्षा दूसरी की किताब पढ़ सकते हैं
0 छठवीं से आठवीं तक के 76.3% बच्चे की कक्षा दूसरी की किताब पढ़ पाते हैं
0 गणित में भी स्थिति खराब है तीसरी से पांचवी तक के 39.9% बच्चे ही जोड़ घटाना कर पाते हैं
0 छठवीं से आठवीं तक के 35.5% बच्चे ही गुणा भाग आसानी से कर पाते हैं.
ऐसे हैं सरकारी स्कूलों के आंकड़े
जिले में स्कूलों की संख्या प्राथमिक स्कूल 1845 मिडिल स्कूल 787 है इन स्कूलों में पहली कक्षा में तकरीबन 3451 छात्र छात्राएं अध्यनरत है वहीं आठवीं कक्षा में 4858 छात्र अध्ययनरत हैं. इन छात्रों को अध्यापन व्यवस्था के लिए वर्ग 2 और वर्ग 3 के शिक्षाकर्मी मौजूद है इसके अलावा रेगुलर शिक्षकों की भी उपस्थिति है।
लगातार सुधार जारी
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जीके मरकाम का कहना है कि बच्चों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं रिपोर्ट्स के बाद कई बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा आने वाले समय में स्थिति में काफी सुधार होगा।




Conclusion:
Last Updated : Apr 2, 2019, 1:17 PM IST
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