राजनांदगांव: रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद की शिवनाथ नदी के मोहारा एनीकट के पांच गेट 31 मई की दरमियानी रात को खोल दिए. इसके कारण करोड़ों लीटर पानी बहकर बर्बाद हो गया. मामले में जल संसाधन विभाग ने बसंतपुर थाने में 1 जून को एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. अज्ञात आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. बसंतपुर थाना पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. इससे पहले 21 से 24 मई के बीच कांकेर में फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने मोबाइल खोजने के लिए परलकोट जलाशय का 41 लाख लीटर पानी बहाया था. मामले में राजेश विश्वास को 53 की रिकवरी को नोटिस जारी किया तो वहीं उपसंभाग कापसी के एसडीओ आरएल धीवर निलंबित कर दिए गए.
मामले पुलिस के हाथ खाली: मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. अज्ञात आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. शिवनाथ नदी में बने मोहारा एनीकट राजनांदगांव शहर के लोगों की प्यास बुझाता है. अज्ञात लोगों की इस हरकत से शहरवासियों के लिए इस भीषण गर्मी में मुश्किलें पैदा हो सकती है. वहीं मामले में सीएसपी का कहना है कि "जांच जारी है, जल्द ही आरोपियों का पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी."
पानी की बर्बादी से शहर वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें: मामला राजनांदगांव की प्यास बुझाने वाली शिवनाथ नदी में बने मोहारा एनीकट की है. 31 मई की दरमियानी रात अज्ञात आरोपियों के द्वारा या कहें रेत माफियाओं द्वारा एनीकट के पांच गेट खोल दिए गए. सुबह जल संसाधन विभाग के कर्मचारी एनीकट पहुंचे, तो फौरन गेट को बंद किया गया. लेकिन तब तक 9 करोड़ लीटर (90 हजार क्यूबिक मीटर) पानी बहकर बर्बाद हो चुका था. मामले में जल संसाधन विभाग ने बसंतपुर पुलिस थाना में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.