राजनांदगांव: जिला बनाने की मांग को लेकर रायपुर जा रहे आंदोलनकारियों (agitators) को पुलिस ने जोरातराई के पास बैरिकेट लगाकर रोका. इस दौरान आंदोलनकारी और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई. पुलिस अफसरों की समझाइश के बाद भी आंदोलनकारी रायपुर कूच करने को लेकर अड़े रहे. जिसके चलते पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया और अस्थाई जेल में रखने के कुछ देर बाद छोड़ दिया.
इस मौके पर मौजूद एसडीएम लवकेश ध्रुव ( SDM Lavkesh Dhruv) ने आदोलनकारियों से अपनी मांग को लेकर ज्ञापन देने कहा. लेकिन आंदोलनकारियों ने सीएम को ही ज्ञापन सौंपने की जिद पर अड़ रहे. जिसके कारण माहौल कुछ देर तक तल्ख रहा. करीब पांच सौ के आसपास आंदोलनकारियों ने गिरफ्तारी दी है. जिसमें जिला निर्माण समिति के सदस्य, विभिन्न राजनैतिक दलो के प्रतिनिधि, व्यापारी संघ, अधिवक्ता संघ सहित आम लोग शामिल थे.
किसान महापंचायत को सीएम भूपेश बघेल का मिला साथ, कहा- प्रदेश में होगा स्वागत
बैरिकेट लगाकर ताक में थी पुलिस
मंगलवार को समिति ने महाबंद साथ वाहनों का काफिला लेकर रायपुर जाने का ऐलान किया था. जहां मुख्यमंत्री से मिलकर जिला बनाने की मांग रखते. यही वजह है कि पुलिस पहले ही मुस्तैद थी, पुलिस ने जोरातराई के पास बैरिकेट लगाकर आंदोलनकारियों का इंतजार कर रही थी. जैसी ही पहुंचे पुलिस ने आंदोलनकारियों को अपने संरक्षण में ले लिया और आगे जाने से रोक दिया. आंदोलनकारियों को रोकने के लिए छुईखदान, घुमका, जालबांधा, गातापार जंगल थाना के अलावा राजनांदगांव से पुलिस बल बुलाया गया था. इसके अलावा पुलिस ने जालबांधा, ठेलकाडीह में भी पुलिस जवानों को तैनात किया था ताकि आंदोलनकारी रूट बदलकर राजधानी ना पहुंच पाए.
पेंशनर्स एसोसिएशन ने दिखाई हरी झंडी
सीएम हाउस जाने के लिए आंदोलनकारी रणनीति के तहत सुबह ही अंबेडकर चौक पर कारों के काफिले के साथ जुट गए थे. आंदोलनकारियों का काफिला शहर से सुबह करीब साढ़े 11 बजे रायपुर के लिए रवाना हुआ. जिसे इतवारी बाजार मे पेंशनर्स एसोसिएशन के बुजुर्ग सदस्यो ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. करीब 65 वाहनों का काफिला संघर्ष रथ के नाम से जिला निर्माण की मांग को लेकर गगनभेदी नारे लगाते हुए निकला. शहर से आंदोलनकारी करीब 12 बजे बाजार अतरिया पहुंचे. जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. वहीं अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की. आंदोलनकारी बाजार अतरिया में करीब 20 मिनट रूके थे. इस दौरान वहां जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी. वाहनों की लंबी कतार लग गई. जिसके कारण आमजनों को आवाजाही करने में परेशानी हो रही थी. आंदोलनकारियों का काफिला निकलने के बाद यातायात बहाल हो पाया.