राजनांदगांव: नैतिक अपहरण कांड में आधे घंटे के भीतर ही पुलिस को सूचना मिल गई थी. इसके बाद आसपास के जिला समेत पूर् राजनांदगांव में नाकेबंदी की गई थी, बावजूद इसके अपहरणकर्ता पुलिस की नाक के नीचे से नैतिक को ले उड़े. हालांकि 8 घंटे बाद ही बच्चे को महाराष्ट्र से छुड़ा लिया गया था.
वारदात के बाद के जिले के चार थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक ओर लोग पुलिस की चुस्ती और नैतिक की सकुशल वापसी पर पुलिस की सराहना कर रहे हैं. वहीं पुलिस की नाकेबंदी पर सवाल खड़े कर रहे हैं, लोगों का कहना है कि अपहरण की सूचना आधे घंटे में मिलने के बाद चार थानों की पुलिस ने मिलकर पूरे जिले में नाकेबंदी कर दी थी, बावजूद इसके अपहरणकर्ता बच्चे को लेकर महाराष्ट्र पहुंचने में सफल रहे.
पुलिस अधिकारी नाराज
राज्य में यह अपहरण की दूसरी बड़ी घटना थी. नैतिक के मामले में परिजनों ने तत्परता बरती और पुलिस को तत्काल इस बात की सूचना दी. इसके चलते पुलिस को सूचना जल्दी मिली और मामले को लेकर नाकेबंदी भी की गई. बावजूद इसके आरोपी भाग निकले और अपनी मंजिल तक पहुंच गए. इस बात को लेकर पुलिस के आला अधिकारी थाना प्रभारियों से नाराज हैं.
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कुछ भी कहने से बच रहे हैं अधिकारी
पुलिस नैतिक के अपहरण के बाद भी पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी मीडिया को नहीं दी गई. वहीं नाकेबंदी फेल हो जाने की बात को लेकर भी पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.