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फेल है छत्तीसगढ़ में पुलिस नाकेबंदी ?

नैतिक अपहरण कांड में पुलिस नाकेबंदी पर सवाल उठ रहे हैं. अपहरणकर्ता हाई अलर्ट और नाकेबंदी के बाद भी चार नाका पार कर बच्चे को महाराष्ट्र लेकर चले गए थे. इसके बाद से पुलिस नाकेबंदी पर सवाल उठ रहे हैं.

naitik kidnapping case
नैतिक अपहरण कांड
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Published : Dec 13, 2019, 9:51 AM IST

राजनांदगांव: नैतिक अपहरण कांड में आधे घंटे के भीतर ही पुलिस को सूचना मिल गई थी. इसके बाद आसपास के जिला समेत पूर् राजनांदगांव में नाकेबंदी की गई थी, बावजूद इसके अपहरणकर्ता पुलिस की नाक के नीचे से नैतिक को ले उड़े. हालांकि 8 घंटे बाद ही बच्चे को महाराष्ट्र से छुड़ा लिया गया था.

वारदात के बाद के जिले के चार थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक ओर लोग पुलिस की चुस्ती और नैतिक की सकुशल वापसी पर पुलिस की सराहना कर रहे हैं. वहीं पुलिस की नाकेबंदी पर सवाल खड़े कर रहे हैं, लोगों का कहना है कि अपहरण की सूचना आधे घंटे में मिलने के बाद चार थानों की पुलिस ने मिलकर पूरे जिले में नाकेबंदी कर दी थी, बावजूद इसके अपहरणकर्ता बच्चे को लेकर महाराष्ट्र पहुंचने में सफल रहे.

पुलिस अधिकारी नाराज

राज्य में यह अपहरण की दूसरी बड़ी घटना थी. नैतिक के मामले में परिजनों ने तत्परता बरती और पुलिस को तत्काल इस बात की सूचना दी. इसके चलते पुलिस को सूचना जल्दी मिली और मामले को लेकर नाकेबंदी भी की गई. बावजूद इसके आरोपी भाग निकले और अपनी मंजिल तक पहुंच गए. इस बात को लेकर पुलिस के आला अधिकारी थाना प्रभारियों से नाराज हैं.

पढे़:टीएस सिंहदेव का CAB पर बड़ा बयान, कहा- छत्तीसगढ़ में नहीं लागू होगा नागरिकता संसोधन विधयक!

कुछ भी कहने से बच रहे हैं अधिकारी
पुलिस नैतिक के अपहरण के बाद भी पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी मीडिया को नहीं दी गई. वहीं नाकेबंदी फेल हो जाने की बात को लेकर भी पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

राजनांदगांव: नैतिक अपहरण कांड में आधे घंटे के भीतर ही पुलिस को सूचना मिल गई थी. इसके बाद आसपास के जिला समेत पूर् राजनांदगांव में नाकेबंदी की गई थी, बावजूद इसके अपहरणकर्ता पुलिस की नाक के नीचे से नैतिक को ले उड़े. हालांकि 8 घंटे बाद ही बच्चे को महाराष्ट्र से छुड़ा लिया गया था.

वारदात के बाद के जिले के चार थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक ओर लोग पुलिस की चुस्ती और नैतिक की सकुशल वापसी पर पुलिस की सराहना कर रहे हैं. वहीं पुलिस की नाकेबंदी पर सवाल खड़े कर रहे हैं, लोगों का कहना है कि अपहरण की सूचना आधे घंटे में मिलने के बाद चार थानों की पुलिस ने मिलकर पूरे जिले में नाकेबंदी कर दी थी, बावजूद इसके अपहरणकर्ता बच्चे को लेकर महाराष्ट्र पहुंचने में सफल रहे.

पुलिस अधिकारी नाराज

राज्य में यह अपहरण की दूसरी बड़ी घटना थी. नैतिक के मामले में परिजनों ने तत्परता बरती और पुलिस को तत्काल इस बात की सूचना दी. इसके चलते पुलिस को सूचना जल्दी मिली और मामले को लेकर नाकेबंदी भी की गई. बावजूद इसके आरोपी भाग निकले और अपनी मंजिल तक पहुंच गए. इस बात को लेकर पुलिस के आला अधिकारी थाना प्रभारियों से नाराज हैं.

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कुछ भी कहने से बच रहे हैं अधिकारी
पुलिस नैतिक के अपहरण के बाद भी पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी मीडिया को नहीं दी गई. वहीं नाकेबंदी फेल हो जाने की बात को लेकर भी पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

Intro:राजनांदगांव शहर में पुलिस की नाकेबंदी की पोल खुलने लगी है नैतिक अपहरण कांड में आधे घंटे के भीतर पुलिस को सूचना मिलने के बाद पूरे जिले में नाकेबंदी की गई लेकिन इसके बावजूद अपहरणकर्ताओं ने पुलिस की नाक के नीचे से नैतिक को ले उड़े इसके चलते पुलिस की नाकेबंदी के दावों की पोल खुल रही है इस घटना ने जिले के चार थानों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. हालांकि नैतिक की सकुशल वापसी के बाद लोग पुलिस की कार्यशैली की सराहना तो कर रहे हैं लेकिन बावजूद इसके नाकेबंदी के फेल होने को लेकर चर्चाएं भी कर रहें हैं।


Body:बता दें कि रविवार शाम को शहर के होटल व्यवसायी विनोद लुल्ला के पुत्र नैतिक लुल्ला को उसके घर के पास से दो अज्ञात अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर लिया था आरोपियों को कॉलोनी में रहने वाली एक युवती ने प्रत्यक्षदर्शी के तौर पर देखा इस बात की तुरंत खबर परिजनों को दी गई करीब आधे घंटे के भीतर ही नैतिक के परिजनों ने पुलिस को इस बात की सूचना दे दी कि नैतिक का अपहरण पूनम कॉलोनी स्थित घर के पास से हो गया है खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास पूछताछ करने लगी इस बीच पुलिस ने जिले भर में नाकेबंदी के आदेश दिए इसके बावजूद अपहरणकर्ताओं को जिले से बाहर जाने से नहीं रोका जा सका.
चार थाने पार कर निकले
अपहरणकर्ता मोटरसाइकिल में नैतिक को लेकर सबसे पहले लालबाग थाने की सीमा को क्रॉस करते हुए तुमड़ीबोड थाने की सीमा पार की और फिर इसके बाद डोंगरगढ़ से बोरतलाव होते हुए सालेकासा महाराष्ट्र पहुंच गए आरोपियों ने चार थानों के नाकेबंदी को क्रश कर निकल गए यह सबसे बड़ा सवाल पुलिस के सामने आज भी खड़ा है इस बात को लेकर के पुलिस के आला अधिकारी थाना प्रभारियों से नाराज है वहीं आखिर इसके पीछे क्या कारण है इस पर अब तक मंथन नहीं किया जा सका है।
पुलिस अधिकारी नाराज
राज्य में यह अपहरण की दूसरी बड़ी घटना थी इसके पूर्व रूप में अपहरणकर्ताओं ने एक बालक को अपना निशाना बनाया था इसके बाद अब नैतिक का अपहरण किया गया था लेकिन नैतिक के मामले में परिजनों ने तत्परता बरती और पुलिस को तत्काल इस बात की सूचना दी इसके चलते पुलिस को सूचना जल्दी मिली और मामले को लेकर नाकेबंदी भी की गई बावजूद इसके आरोपी भाग निकले और अपनी मंजिल तक पहुंच गए इस बात को लेकर पुलिस के आला अधिकारी थाना प्रभारियों से नाराज है हालांकि अब तक के किसी भी थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है लेकिन माना जा रहा है कि पुलिस ने इस अपहरण से काफी सीख ली है।


Conclusion:कुछ भी कहने से बच रहे हैं अधिकारी
नैतिक अपहरण कांड में पुलिस की नाकेबंदी फेल हो जाने के पीछे क्या कारण है इस बात को लेकर पुलिस के अधिकारी मीडिया से कोई बात करना नहीं चाह रहे हैं यही कारण है कि नैतिक के अपहरण के बाद भी पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी मीडिया को नहीं दी गई कई तथ्यों को पुलिस ने अब तक के छुपा कर रखा है वही नाकेबंदी फेल हो जाने की बात को लेकर भी पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
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