राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव (Rajnandgaon) शहर के प्रतिष्ठित डाकलिया परिवार (Daklia family) के 6 सदस्य दीक्षा (DIKSHA) लेंगे. बताया जा रहा है कि नये साल में इस परिवार की दीक्षा अंगीकर की जाएगी. वहीं, परिवार के कुल 6 सदस्य सांसरिक मोह माया त्याग कर जैन विधि-विधान से दीक्षा ग्रहण करेंगे. इस कड़ी में आज डाकलिया परिवार के सदस्यों का मूर्त मिलने के बाद जैन समुदाय (Jain community) के लोगों के द्वारा भव्य स्वागत (grand welcome) कर नगर प्रेवश कराया गया.
निकाला गया भव्य जुलूस
इस दौरान गायत्री मंदिर चौक (Gayatri Mandir Chowk) से बरघोड़ा जुलूस (barghoda procession) के रूप में निकाला गया, जो शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए जैन बगीचे में उनका अभिनंदन समाज के लोगों के द्वारा किया गया, जिसमें समाज के प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे.
संयम की राह पर डाकलिया परिवार
बता दें कि राजनांदगांव शहर के डाकलिया परिवार अब सयंम की राह पर आगे बढ़ रहा है. परिवार दीक्षा अंगीकर आत्म कल्याण का मार्ग ग्रहण करते हुए मध्यप्रदेश के सिवनी के पास स्थित नमीउण तीर्थ में उन्हें आचार्य भगवान श्री जिन पीयूष सागर सुरीश्वर महाराज (Jin Piyush Sagar Surishwar Maharaj) द्वारा परिवार को अनुमति मिलने के बाद उन्हें दीक्षा देने के लिए मुहूर्त तय किया गया है. वही आज नगर आगमन पर समाज के लोगों द्वारा भव्य स्वागत किया गया. साथ ही जैन परंपरा के अनुसार बरघोड़ा भी निकाली गई.
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परिवार के 6 सदस्य ले रहे दीक्षा
गौर हो कि शहर के प्रतिष्ठित डाकलिया परिवार के 6 सदस्य सांसारिक मोह माया त्याग कर जैन परंपरा अनुरूप दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जिनमें भूपेंद्र डाकलिया अपनी पत्नी सपना डकलिया, दो बेटे देवेन्द्र, हर्षित और दो बेटियां महिमा,मुक्ता के साथ दीक्षा ग्रहण करेंगे. बता दें कि दीक्षा कार्यक्रम 15 जनवरी 2022 को रखा गया है. वहीं आज इनके दीक्षा लेने के संकल्प के बाद प्रथम नगर आगमन पर भव्य स्वागत समाज के लोगों के द्वारा किया गया.
परिवार राजनांदगांव नहीं छत्तीसगढ़ के लिए गौरव
इस बारे में सकल श्री जैन संघ के अध्यक्ष (President of Sakal Shree Jain Sangh) ने बताया कि मूर्त मिलने के बाद आज प्रथम नगर आगमन पर शहर के विभिन्न चौक चौराहों में समाज के लोगों के द्वारा डकलिया परिवार का स्वागत किया गया. साथ ही उनका अभिनंदन समाज के लोगों द्वारा किया गया. एक ही परिवार के 6 लोगों द्वारा भगवान महावीर के बताए मार्ग में चलने का निर्णय लिया गया है. अपनी वैभव धन संपत्ति परिवार और परिजन को त्यागने की जो भावना जागृत हुई है. यह परिवार राजनांदगांव नहीं पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव हैं. वहीं नगर आगमन पर समाज के लोगों द्वारा भव्य स्वागत किया गया है.