राजनांदगांव: टाइपिंग कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों के साथ ठगी करने का मामला सामने आया है. बसंतपुर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए गुरुवार को एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
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बताया जा रहा है कि, ठगी करने वाला आरोपी कोई और नहीं, बल्कि कलेक्टोरेट के लोक सेवा केंद्र में काम करने वाले दो युवक हैं, जिनके खिलाफ बरबसपुर घुमका के रहने वाले देवेश वर्मा ने बसंतपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. शिकायत के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की, जिसमें मुख्य आरोपी आकाश और उसके साथी शाहरुख के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि 'आरोपी आकाश ने दो दिन पहले चिखली चौकी में सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसके बाद से वो फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है'.
सिक्योरिटी के रूप में 18 हजार रुपये जमा कराए
वहीं प्रार्थी देवेश वर्मा ने बताया कि 'बीते साल दोस्त दीप्ती शर्मा के जरिए आरोपी आकाश यादव से उसकी पहचान हुई थी. आकाश ने प्रार्थी को टाइपिंग कंपनी के बारे में बताया और उसमें काम दिलाने की बात कही. इसके लिए आरोपी ने प्रार्थी देवेश वर्मा को अपने साथ तीन और लोगों को जोड़ने को कहा और सभी लोगों से सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में 18 हजार रुपये जमा कराया'.
हर महीने 12 हजार रुपये देने की कही बात
इसके बाद आरोपी ने फव्वारा चौक स्थित कॉम्प्लेक्स में ऑफिस भी खोला, जहां देवेश वर्मा के साथ 33 लोगों को काम पर रखा. हर महीने 12 हजार रुपये आकाश यादव ने वेतन के रूप मेंं देने की बात कही, लेकिन एक भी महीने का वेतन आरोपी की ओर से नहीं दिया गया. जब प्रार्थी ने वेतन देने की बात कही तो आरोपी ने अपनी मां के साथ बैठक कराकर दिल्ली से पैसे आते ही वेतन देने की बात कही. इसके बाद से आरोपी आकाश अपना मोबाइल बंद कर गायब हो गया है. पीड़ित युवक जब दफ्तर पहुंचे, तो वहां ताला लगा था, जब उन्होंने आकाश को फोन किया तो, उसका मोबाइल फोन बंद मिला. इससे बाद से सभी युवक अपनी डूबी रकम वापस लेने के लिए भटक रहे हैं. वहीं प्रार्थी देवेश शर्मा ने पुलिस से शिकायत कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
वेतन देने का दिया था आश्वासन
ठगी की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल की, जिसमें यह बात सामने आई थी कि आरोपी आकाश यादव ने दो दिन पहले ही चिखली चौकी में सुसाइड नोट छोड़ा था. पुलिस मामले में आरोपी की खोजबीन कर रही थी. प्रार्थी ने शिकायत में यह भी बताया कि 'आरोपी ने सिक्योरिटी अमाउंट के बदले टाइपिंग करने वालों को 9 हजार और नॉन टाइपिंग स्टाफ को छह हजार रुपये वेतन देने का आश्वासन दिया था. इसके साथ ही सभी लोगों को कैंडिडेट जोड़कर चैनल बनाने को कहा था'. प्रार्थी ने बताया कि 'करीब 9 लोग पहले जुड़े, जिनके माध्यम से और 127 लोगों को जोड़कर सभी से सिक्योरिटी मनी के तौर पर 40 लाख 75 हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी मनी जमा कराए गए थे, जिसे लेकर आरोपी फरार हो गया है.
लोक सेवा केंद्र में कर रहे थे काम
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी कलेक्टोरेट के लोक सेवा केंद्र में काम कर रहे थे. आरोपी आकाश यादव ने अपने पार्टनर शाहरुख खान के एकाउंट में NEAFT के माध्यम से प्रार्थियों से 1लाख 40 हजार रुपये जमा कराए.थाना प्रभारी राजेश साहू ने बताया कि मुख्य आरोपित आकाश यादव फरार है, जिसकी सरगर्मी से पतासाजी की जा रही है.