राजनांदगांव: दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए प्रवासी मजदूर ट्रेन के जरिए राजनांदगांव पहुंचेंगे. बताया जा रहा है कि 16 हजार से भी ज्यादा मजदूर राजनांदगांव पहुंचेंगे. इस स्थिति को देखते हुए कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य और एसपी जितेंद्र शुक्ल ने रेलवे स्टेशन का जायजा लिया. साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. वहीं रेलवे स्टेशन में आने वाले मजदूरों को एहतियात बरतते हुए क्वॉरेंटाइन भी किया जाएगा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवासी मजदूरों को छत्तीसगढ़ लाने की कवायद शुरू कर दी है. छत्तीसगढ़ के लिए पहले चरण में 11 ट्रेनों की अनुमति मिली है. ट्रेनों का रूट भी तय हो गया है. जल्द ही ट्रेनों के चलने का शेड्यूल भी तय हो जाएगा. मजदूरों को लाने के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों का अधिकारियों ने निरीक्षण किया और प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने या उनको होम क्वॉरेंटाइन करने के लिए व्यवस्था का जायजा लिया.
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प्रदेश के 8 रेलवे स्टेशनों का चयन
राज्य के बाहर फंसे मजदूरों को लाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था के मद्देनजर ट्रेनों के रुकने के लिए प्रदेश के 8 स्टेशनों का चयन किया गया है. इन 8 स्टेशनों में राजनांदगांव भी शामिल है. कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य, एसपी जितेंद्र शुक्ला, सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी, सीएसपी मणिशंकर चंद्रा, नगर निगम आयुक्त चन्द्रकांत कौशिक, कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र चतुर्वेदी सहित आला अधिकारी ने रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इसके साथ ही बाहर से आने वाले मजदूरों का स्कैनिंग कर उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर या होम क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे जाने की जानकारी ली. विशेष ट्रेनों से लाए जाने के बाद मजदूरों को राजनांदगांव के रैन बसेरा और फिर उनके गांवों में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा. रेलवे स्टेशनों के बाद अधिकारियों ने नया बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया और यहां तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए.
रेलवे स्टेशन का किया निरीक्षण
कलेक्टर ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया गया है, ताकि ट्रेनों का शेड्यूल और गाइडलाइन आने के बाद आगे की प्रक्रिया की जा सके. ट्रेनों के जरिए मजदूरों को लाने के लिए राज्य सरकार ने वेबसाइट के माध्यम से पंजीयन करने को कहा है. मजदूर खुद से पंजीयन कर सकते हैं.
देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं मजदूर
जिले भर के करीब 9 हजार मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं. यहां के ज्यादातर मजदूर मुंबई, दिल्ली, पुणे, नागपुर, हैदराबाद, तेलंगाना में फंसे हुए हैं. कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने कहा कि बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को रैन बसेरा में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. इसके बाद उनका ब्लड टेस्ट कराया जाएगा और पूरी तरह स्वस्थ पाए जाने पर उन्हें घर भेज दिया जाएगा.