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साल 2023 का अंतिम प्रदोष व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त में करेंगे भगवान शिव की पूजा तो धन की नहीं होगी कमी - importance of Ravi Pradosh Vrat

year 2023 Last Pradosh Vrat : साल 2023 का अंतिम प्रदोष व्रत आज है. रविवार को प्रदोष पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करने से धन की कभी कमी नहीं होती है.

year 2023 Last Pradosh Vrat
साल 2023 का अंतिम प्रदोष व्रत
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 24, 2023, 5:43 AM IST

शुभ मुहूर्त में करेंगे भगवान शिव की पूजा तो धन की नहीं होगी कभी कमी

रायपुर: आज साल 2023 को साल का आखिरी प्रदोष व्रत है. इस व्रत को त्रयोदशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है. प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है. इस वजह से इसे त्रयोदशी व्रत भी कहते हैं. साल का आखिरी प्रदोष व्रत क्रिसमस के एक दिन पहले यानी कि आज है. इसके बाद अगला प्रदोष व्रत 9 जनवरी 2024 को पड़ेगा. मान्यता है कि जो भी जातक सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं.

हर माह दो बार पड़ता है: प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है. इस तरह से साल में 24 से 25 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. इस व्रत को करने से भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी विशेष कृपा जातक पर बनी रहती है. इस व्रत को करने से स्वास्थ्य अच्छा रहने के साथ ही लंबी आयु की प्राप्ति होती है. दक्षिण भारत में त्रयोदशी व्रत को प्रदोषम के नाम से जाना जाता है.

जानिए शुभ मुहूर्त: प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त के बारे में रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि रविवार को प्रदोष पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है. रवि प्रदोष व्रत 24 दिसंबर रविवार 2023 को पड़ रहा है. त्रयोदशी तिथि 24 दिसंबर की सुबह 6:24 से 25 दिसंबर की सुबह 5:54 तक रहेगी. प्रदोष व्रत की पूजा शाम को प्रदोष काल के समय की जाती है. इस समय भगवान शिव की खास विधि से पूजा करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती.

इस विधि से करें पूजा:

  • रवि प्रदोष व्रत करने वाले व्रती को सुबह-सुबह बेलपत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. फिर शाम के समय में इसी विधि से भगवान शिव की पूजा-आराधना की जानी चाहिए. इसके साथ ही प्रदोष व्रत की कथा भी पढ़नी चाहिए.
  • रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को जौ का दान करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि जौ दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. धन सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती है.
  • रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्य देव की पूजा का भी बड़ा महत्व है. इस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. हर काम में सफलता मिलती है.
  • रवि प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव का पंचामृत से अभिषेक करें. इसके साथ ही माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जानी चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय से धन की तंगी दूर होती है और जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि आती है.

शुभ मुहूर्त में करेंगे भगवान शिव की पूजा तो धन की नहीं होगी कभी कमी

रायपुर: आज साल 2023 को साल का आखिरी प्रदोष व्रत है. इस व्रत को त्रयोदशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है. प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है. इस वजह से इसे त्रयोदशी व्रत भी कहते हैं. साल का आखिरी प्रदोष व्रत क्रिसमस के एक दिन पहले यानी कि आज है. इसके बाद अगला प्रदोष व्रत 9 जनवरी 2024 को पड़ेगा. मान्यता है कि जो भी जातक सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं.

हर माह दो बार पड़ता है: प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है. इस तरह से साल में 24 से 25 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. इस व्रत को करने से भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी विशेष कृपा जातक पर बनी रहती है. इस व्रत को करने से स्वास्थ्य अच्छा रहने के साथ ही लंबी आयु की प्राप्ति होती है. दक्षिण भारत में त्रयोदशी व्रत को प्रदोषम के नाम से जाना जाता है.

जानिए शुभ मुहूर्त: प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त के बारे में रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि रविवार को प्रदोष पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है. रवि प्रदोष व्रत 24 दिसंबर रविवार 2023 को पड़ रहा है. त्रयोदशी तिथि 24 दिसंबर की सुबह 6:24 से 25 दिसंबर की सुबह 5:54 तक रहेगी. प्रदोष व्रत की पूजा शाम को प्रदोष काल के समय की जाती है. इस समय भगवान शिव की खास विधि से पूजा करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती.

इस विधि से करें पूजा:

  • रवि प्रदोष व्रत करने वाले व्रती को सुबह-सुबह बेलपत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. फिर शाम के समय में इसी विधि से भगवान शिव की पूजा-आराधना की जानी चाहिए. इसके साथ ही प्रदोष व्रत की कथा भी पढ़नी चाहिए.
  • रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को जौ का दान करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि जौ दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. धन सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती है.
  • रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्य देव की पूजा का भी बड़ा महत्व है. इस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. हर काम में सफलता मिलती है.
  • रवि प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव का पंचामृत से अभिषेक करें. इसके साथ ही माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जानी चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय से धन की तंगी दूर होती है और जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि आती है.
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