रायपुर: हिंदू धर्म में सावन के माह का विशेष महत्व होता है. इस दौरान भगवान शिव का पूजन किया जाता (Worship of Shiva in Sawan) है. इस बार सावन 14 जुलाई से शुरू हो रही हैं. सावन में कांवड़ यात्रा भी शुरू होती है. जिसमें शिव भक्त कांवड़ में गंगाजल भरकर लाते हैं और भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं
क्यों सावन में पूजे जाते हैं शिव: सावन माह में भगवान शिव का पूजन किया जाता है. इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन के महीने में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया था. इस विष का ताप इतना तेज था कि इंद्र देवता ने बारिश करके उन्हें शीतलता प्रदान की थी.
पार्वती और शिव के मिलन का माह: माता सती ने भगवान शिव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण लिया था. सती ने अपने दूसरे रूप में हिमालयराज की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया. शिव को पति के रूप में पाने के लिए पार्वती ने घोर तपस्या की थी. जिसके बाद सावन के महीने में ही माता पार्वती का विवाह का भगवान शिव से हुआ था और तभी से शिव जी को यह महीना अति प्रिय है. यानी कि ये माह शिव और पार्वती के मिलन का माह है.
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बाबा भोलेनाथ सावन में आते हैं ससुराल : पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव सावन के महीने में अपने ससुराल गए थे, जहां उनका धूमधाम से स्वागत कर अभिषेक किया गया था. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती भू लोक पर निवास करते हैं. यदि विधि-विधान से सावन में भगवान शिव का अभिषेक किया जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है.