रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विश्व की सबसे बड़ी कॉफी पेंटिंग बनाई जा रही (World largest coffee painting made in Raipur) है. पिछले 10 सालों से पेंटिंग और रंगोली आर्ट से जुड़े कलाकार शिवा मानिकपुरी यह कॉफी पेंटिंग तैयार कर रहे (Painter and Rangoli artist Shiva Manikpuri ) हैं. शिवा ने इस पेंटिंग को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए अर्जी भेजी थी. अप्रूवल मिलने के बाद अब वे यह पेंटिंग तैयार कर रहे हैं. खास बात यह है कि कॉफी से बन रही यह पेंटिंग 240 स्क्वायर मीटर में बनाई जा रही है. शिवा कॉफी पेंटिंग के जरिए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए जो पेटिंग तैयार कर रहें हैं. इसके लिए उन्होंने अपनी मां की तस्वीर को चुना है. ईटीवी भारत ने कलाकार शिवा मानिकपुरी से खास बातचीत (Shiva Manikpuri made world largest coffee painting) की है.
सवाल: आप वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए जो कॉफी पेंटिंग तैयार कर रहे हैं. इसके लिए आपने अपनी मां की तस्वीर ही क्यों चुनी?
जवाब: मैं पेंटिंग और रंगोली बनाता हूं. इस बार मैं कॉफी से रंगोली तैयार कर रहा हूं. मैंने अपनी मां की तस्वीर इसलिए चुनीं.क्योंकि मां से बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं हो सकता. मेरी मम्मी ही मुझे घर में सबसे पहले सपोर्ट करती थी. जब भी मैं कोई पेंटिंग या रंगोली बना था उस दौरान परिवार के लोगों को यह नहीं लगता था कि मैं आगे कुछ कर पाऊंगा. लेकिन मेरी मम्मी ने शुरू से ही मेरा सपोर्ट किया है. और आज भी वह मेरा सपोर्ट कर रही है. इसलिए मैं अपनी मां की सबसे बड़ी कॉफी पेंटिंग बनाया हूं. जो दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग है. यह कॉफी पेंटिंग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने वाली है.
सवाल: आपने कब से इस पेंटिंग को बनाने की शुरुआत की ?
जवाब: 17 जून से मैंने इस पेंटिंग को बनाने की शुरुआत की है और 27 जून आज यह पेंटिंग कंप्लीट हो गई है.
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सवाल: आपने रंगोली या पेंटिंग आर्ट की ट्रेनिंग कहां से ली है?
जवाब: बचपन से ही मैं ड्रॉइंग और पेंटिंग कर रहा हूं और मूर्ति बनाने का भी काम मैंने किया है. उसके बाद धीरे-धीरे मैंने रंगोली बनाने की शुरुआत की. रंगोली की प्रैक्टिस मैं धीरे-धीरे करने लगा और पहले सिंपल रंगोली बनाया करता था फिर 3डी रंगोली, रियलिस्टिक और हाइपररियलिस्टिक रंगोली भी बनाने लगा. मैंने इसकी ट्रेनिंग कहीं से नहीं की है मैंने खुद से ही प्रैक्टिस करते हुए यह कला सीखी है.
सवाल-आपने कॉफी पेटिंग बनाना कहां से सीखा?
जवाब: मैंने यू ट्यूब में देखा कि दुबई की कलाकार जिसका कॉफी पेंटिंग में वर्ल्ड रिकॉर्ड है. उन्होंने 220 स्क्वायर मीटर पेंटिंग बनाई थी और मैं जो पेंटिंग बना रहा हूं वह 240 स्क्वायर मीटर की है. मैंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बिना प्रैक्टिस के ही कॉफी पेंटिंग के लिए अप्लाई किया था. मेरी अर्जी वहां स्वीकार कर ली गई. फिर मैंने कॉफी पेंटिंग की प्रैक्टिस की शुरुआत की. मैंने छोटे-छोटे कॉफी के पैकेट लाकर छोटी पेंटिंग बनाई और मैं अब विश्व की सबसे बड़ी कॉफी पेंटिंग बना रहा हूं.
सवाल: कॉफी पेंटिंग बनाने का विचार कैसे आया?
जवाब: रंगोली और पेंटिंग मैंने बहुत सारी बनाई है. इस बार कुछ अलग करने की ख्वाहिश थी. जो कभी हुआ नहीं है और यह कॉफी पेंटिंग छत्तीसगढ़ में पहली बार बनाई जा रही है. इंटरनेट पर सर्च करते हुए कॉफी पेंटिंग की जानकारी मिली. मुझे पसंद आया, फिर मैंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए अप्लाई कर दिया.कॉफी पेंटिंग की तैयारी मैं बीते साल दिसंबर से कर रहा था.दिसंबर में मैंने आवेदन किया था और 1 महीने में ही वहां से अप्रूवल आ गया था.
सवाल: बताया जा रहा है कि 6 लाख रुपए से अधिक का खर्चा आया है. आपने यह फंड कहां से जुटाए.
जवाब- पेंटिंग को तैयार करने के लिए सबसे बड़ी परेशानी थी कि बारिश का मौसम है. पेंटिंग ऐसी जगह तैयार करनी थी जहां बीच में खंभा ना हो,मुझे इतना बड़ा हॉल कहीं भी नहीं मिल रहा था. मैंने कृष्णा पब्लिक स्कूल सरोना से संपर्क किया. स्कूल के राकेश मिश्रा से मुलाकात हुई और उन्होंने मुझे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए मदद का भरोसा दिया. उनके द्वारा मुझे जगह दी गई और एक बड़ा पंडाल तैयार करके दिया गया. बहुत बड़ा कपड़ा इस पेंटिंग को तैयार करने में लगा है उसे बसना के सूरज श्रीवास्तव ने दिया है. मेरे दोस्त नेहल जैन के अलावा मेरे मित्रों ने और स्कूल के स्टाफ ने मदद की है. यह खर्च लगभग 7 लाख रुपए से 8 लाख रुपए तक का है जो सभी के सहयोग से प्राप्त हुआ .
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सवाल: मूलतःआप कहां के रहने वाले हैं?
जवाब: मैं बसना के गांव अरेकेल का रहने वाला हूं. मैंने कभी सपने में भी यह नहीं सोचा था की रंगोली और पेंटिंग में मेरा नाम आएगा. जिस जगह से मैं आता हूं. ऐसी जगह में कोई सीखाने वाला बताने वाला नहीं है. लेकिंन बचपन से ही ड्राइंग और पेंटिंग मेरा इंटरेस्ट था. मैंने पढ़ाई के दौरान कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. रविशंकर यूनिवर्सिटी द्वारा मेरे पेंटिंग का यूथ फेस्टिवल में सलेक्शन हुआ. असम से वापस आने के बाद मैंने रंगोली बनाने की शुरुआत की. 10 साल में मैंने 215 से ज्यादा रंगोली बनाई है. जिसमें रियलिस्टिक, 3 डी रंगोली के साथ , 3000 स्क्वायर फीट में बनाई गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रंगोली शामिल है.
सवाल: जिन्होंने आपको जन्म दिया आप उनकी ही पेंटिंग बना रहे हैं कैसी फीलिंग है?
जवाब: मेरी मम्मी शुरू से ही बहुत मेहनत करते आई है. शुरू से ही मेरा सपोर्ट किया है. जब मुझे कोई नहीं जानता था, तब भी मेरी मम्मी का सपोर्ट रहता था.मेरी मम्मी ने भी यह पेंटिंग नहीं देखी है मेरी मम्मी ने भी यह नहीं सोचा थी कि उनकी तस्वीर इतनी बड़ी बनेगी. 30 जून को आएगी और मैं उन्हीं के हाथों फीता कटवाना चाहता हूं.30 जून को एग्जिबिशन होगा और सभी लोग आकर इसे देख सकेंगे.
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सवाल: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में कैसे सबमिशन होगा क्या बाहर से टीम आएगी?
जवाब: टीम नहीं आएगी. मैं यहां से एविडेंस उन्हें भेजूंगा, फोटो वीडियो कलेक्ट करके भेजना पड़ेगा. फिर 3 महीने बाद सर्टिफिकेट आता है. मुझे उम्मीद है. इतनी मेहनत की है तो नाम आना चाहिए.बाकी सब भगवान के हाथो में है. मैने अपना काम पूरा कर दिया है.