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रायपुर में मनाया गया विश्व हेपेटाइटिस दिवस

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Published : Jul 28, 2019, 5:06 PM IST

हेपेटाइटिस एक गंभीर बीमारी है. इसके प्रति सजगता फैलाने की कोशिश होनी चाहिए. लेकिन इस गंभीर और खतरनाक बीमारी को लेकर समाज में जागरूकता की बेहद कमी है.

रायपुर में मनाया गया विश्व हेपेटाइटिस दिवस

रायपुर: हेपेटाइटिस-बी के वायरस की खोज करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर बारूच सैमुअल ब्लमबर्ग के जन्मदिन पर 28 जुलाई को दुनिया में हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है.

रायपुर में मनाया गया विश्व हेपेटाइटिस दिवस

हेपेटाइटिस बी एड्स से भी ज्यादा खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लोगों में 2 से 5 फीसदी लोगों को हेपिटाइटिस है हम सभी को सरकार की ओर से एक शब्द पीलिया के लिए चलाए जाने वाले अभियान के बारे में याद होगा, लेकिन हेपेटाइटिस को लेकर जागरूकता फैलाने में ना तो सरकार की ओर से कोई पहल हुई है और ना ही निजी क्षेत्रों में इसमें कोई रुचि दिखा रहा है. हालांकि हेपेटाइटिस बी HIV एड्स से भी ज्यादा खतरनाक है.

जागरुकता की कमी से चपेट में आते हैं लोग
एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर करण पीपरे ने बताया कि हेपीसाइटिस गंभीर बीमारी है, इससे बचने के लिए जागरूकता सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर जागरूक नहीं होगी तो ज्यादातर लोग इसकी चपेट में आ जाएंगे.

इसके रोकथाम के तरिके

  • स्वच्छता की ओर देना होगा ध्यान.
  • खाना खाने के पहले खुद के हाथ साबुन से धोएं और बच्चों को भी ऐसा करने को कहें.
  • बच्चों को हेपीटाइटिस बी से बचाव के टीके जरूर लगाएं.
  • खून चढ़ाते वक्त विशेष ध्यान रखें.

रायपुर: हेपेटाइटिस-बी के वायरस की खोज करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर बारूच सैमुअल ब्लमबर्ग के जन्मदिन पर 28 जुलाई को दुनिया में हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है.

रायपुर में मनाया गया विश्व हेपेटाइटिस दिवस

हेपेटाइटिस बी एड्स से भी ज्यादा खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लोगों में 2 से 5 फीसदी लोगों को हेपिटाइटिस है हम सभी को सरकार की ओर से एक शब्द पीलिया के लिए चलाए जाने वाले अभियान के बारे में याद होगा, लेकिन हेपेटाइटिस को लेकर जागरूकता फैलाने में ना तो सरकार की ओर से कोई पहल हुई है और ना ही निजी क्षेत्रों में इसमें कोई रुचि दिखा रहा है. हालांकि हेपेटाइटिस बी HIV एड्स से भी ज्यादा खतरनाक है.

जागरुकता की कमी से चपेट में आते हैं लोग
एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर करण पीपरे ने बताया कि हेपीसाइटिस गंभीर बीमारी है, इससे बचने के लिए जागरूकता सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर जागरूक नहीं होगी तो ज्यादातर लोग इसकी चपेट में आ जाएंगे.

इसके रोकथाम के तरिके

  • स्वच्छता की ओर देना होगा ध्यान.
  • खाना खाने के पहले खुद के हाथ साबुन से धोएं और बच्चों को भी ऐसा करने को कहें.
  • बच्चों को हेपीटाइटिस बी से बचाव के टीके जरूर लगाएं.
  • खून चढ़ाते वक्त विशेष ध्यान रखें.
Intro:रायपुर । विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को जागरूक करने हेपेटाइटिस बी के वायरस की खोज करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर बारूच। सैमुअल ब्लमबर्ग के जन्मदिन पर 28 जुलाई को दुनिया में हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है ।


Body:हेपेटाइटिस एक गंभीर बीमारी इससे जुड़े आंकड़े इसके प्रति सजगता फैलाने के लिए काफी होने चाहिए लेकिन इस गंभीर और खतरनाक बीमारी को लेकर समाज में जागरूकता की बेहद कमी है विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मध्य प्रदेश या और भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लोगों में 2 से 5 फ़ीसदी लोगों को हेपिटाइटिस है हम सभी को सरकार की ओर से एक शब्द पीलिया के लिए चलाए जाने वाले अभियान के बारे में याद होगा लेकिन हेपेटाइटिस को लेकर जागरूकता फैलाने में ना तो सरकार की ओर से कोई पहल हुई है और ना ही निजी क्षेत्रों में इसमें कोई रुचि दिखा रहा है हालांकि हेपेटाइटिस बी 8 से भी ज्यादा खतरनाक

रायपुर एम्स मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर करण पीपरे बताया कि गंभीर बीमारी है इससे बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जागरूकता यदि जागरूकता नहीं होगी तो ज्यादातर लोग इसकी चपेट भी आएंगे इसके रोकथाम के लिए लोगों को स्वच्छता की ओर ध्यान देना होगा बच्चों को भी खाना खाने से पहले हर बार हाथ धोने को कहे । उन्होंने बच्चों को ऐपेटाइज हेपिटाइटिस से बचने के लिए ठीक है अनुमान रूप से लगाएं


Conclusion:खाने के लिए सेवन करने वाली चीजों का भी खास ख्याल रखना चाहिए जो भी खा रहे हैं वह अच्छी जगह से हो अच्छा हो इसका भी ख्याल रखें साथ ही जो खून चढ़ाएं विशेष ख्याल रखें

बाइट- डॉ कारन पीपरे
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