रायपुरः विश्व हैलोवीन दिवस (World halloween day) , सुनकर बड़ा अजीब लगता है कि इस दिन को भी लोग सेलिब्रेट (Celebrate) करते हैं. ऐसा माना जाता है कि आत्मा अच्छी हो या बुरी अपनों से मिलने आती ही है. 31 अक्टूबर (31 October) को विश्व हैलोवीन दिवस मनाया जाता है. दरअसल ये दिन आत्माओं को जगाने का दिन है. इस दिन मृतक आत्माओं (Dead souls)को उठाने का दिन होता है. कहा जाता है कि जिनके घर में बड़े–बुजुर्ग, या कोई खास मर जाते हैं, तो इस दिन उन सभी लोगों की आत्मा धरती पर आती हैं.
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इसलिए मनाया जाता है हैलोवीन दिवस
बता दें कि हैलोवीन दिवस (Halloween day) पश्चिमी देशों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं. इस त्यौहार को सभी लोग अपने–अपने तरीके से मनाते हैं. बच्चों के लिए यह दिन अपने रिश्तेदारों और पड़ोसी से चोकलेट मांगने का दिन होता हैं. सभी बड़े लोग इस दिन अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-प्राथर्ना करते हैं. आमतौर पर लोग त्यौहार पर सजते हैं, नए कपडे पहनते हैं. लेकिन यह त्यौहार कुछ अलग हैं. इस त्यौहार पर लोग अपना डरावना जैसा रूप बनाते हैं. इस दिन आत्माओं और भूत-प्रेतों के तरह मेकअप किया जाता है और कपड़ें भी इसी थीम के अनुसार लोग पहनते हैं.
ये है इस दिन का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि लगभग 2000 साल पहले प्रसिद्ध धार्मिक त्यौहार “ऑल सैट्स दिवस” पूरे उत्तरीय यूरोप में 1 नवंबर को मनाया जाता था. लेकिन ऐसा भी माना गया हैं कि हेलोवीन का इतिहास प्राचीन सेल्टिक त्यौहार है, जिसे सम्हैन कहा है. गैलिक परम्पराओं को मानने वाले इस त्यौहार को मनाते हैं. ये फसल के मौसम का आखिरी दिन होता है और इसी दिन से ठंड का मौसम भी शुरू हो जाता है.
इस दिन आत्मा जरूर आती है
कहा जाता है कि ये लोग भरोसा करते हैं कि इस दिन मरे हुए लोगों की आत्मा उठती है और धरती पर प्रकट होकर जीवित इंसानो के लिए परेशानी पैदा करती है. इन बुरी आत्माओं से डर को भगाने के लिए यह इंसान उन्हीं के जैसे कपड़े पहनते हैं. इसके अलावा अलाव जलाया जाता है, जिसमें मरे हुए जानवरों की हड्डियाँ फेंक दी जाती है.