रायपुर: रेन-वाटर हार्वेस्टिंग के लिए मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत सरकारी या पंचायत भवनों की छत पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण किया जा सकेगा. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से इसे मनरेगा के तहत किए जा सकने वाले कार्यों में शामिल करने के बाद राज्य शासन के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने सरकारी भवनों में रूप-टॉप वाटर हार्वेस्टिंग के निर्देश दिए हैं. विभागीय सचिव गौरव द्विवेदी ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है.
परिपत्र में जानकारी दी गई है कि, वाटर हार्वेस्टिंग के लिए ड्रिलिंग या नवीन रिचार्ज शॉफ्ट खनन का कार्य मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत नहीं कराया जा सकता है. लेकिन छत से बारिश का पानी ‘फिल्टर मीडिया’ से रिचार्ज स्ट्रक्चर जैसे रिचार्ज शॉफ्ट, ट्रेंच, डगवेल, परित्यक्त ट्यूबवेल, हैंडपंप इत्यादि में डायवर्ट करने के लिए जरूरी संरचनाओं का निर्माण कराया जा सकता है.
निर्मित वर्षा जल संचयन संरचनाओं की जानकारी मांगी गई
बारिश के पानी का उपयोग करते हुए भूमिगत जल के कृत्रिम पुनर्भरण के लिए छत के ऊपर जल भंडारण का कार्य ऐसी जगहों पर लिया जाए, जहां भू-सतह पर वर्षा जल भंडारण के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है. छत पर वर्षा जल संचयन प्रणाली की संरचनाओं का नमूना भी कलेक्टरों को भेजा गया है. साथ ही विभाग ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत गांवों में सरकारी या पंचायत भवनों में छत पर निर्मित वर्षा जल संचयन संरचनाओं की जानकारी भी सभी कलेक्टरों से मांगी है.