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रायपुर में कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं, खुद सुनिए - Women safety in raipur

रायपुर में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं. इस मुद्दे पर ETV भारत ने महिलाओं से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने पूरी तरह से सुरक्षित न होने की बात कही.

Women talked about their safety in raipur
रायपुर में कितनी सुरक्षित महिलाएं
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Published : Dec 14, 2019, 8:07 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 8:29 PM IST

रायपुर : राजधानी में बढ़ते क्राइम को लेकर लगातार रायपुरवासी आवाज उठा रहे हैं. वहीं राज्य सरकार की मानें, तो पुलिस अपना दायित्व भी बखूबी निभा रही हैं, लेकिन रायपुर की युवतियां आज खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं. ETV भारत ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनसे सीधे बात की और उनसे जानने की कोशिश कि, वे खुद को कितना सुरक्षित मानती हैं. इसके जवाब में महिलाओं ने कहा कि शाम होते ही रायपुर की कई ऐसी जगह हैं जहां पर महिलाओं को जाने में डर लगता है.

रायपुर में कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं

उन्होंने कहा कि अंडरब्रिज या रायपुर के कुछ आउटर साइड जहां अक्सर कम लोग जाया करते हैं, वहां से गुजरने के दौरान वे अक्सर डरती हैं. महिलाओं ने बताया कि पुलिस की ओर से काफी कोशिशें की जा रही है कि महिला को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. बावजूद इसके शहर में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले कम नहीं हो रहे हैं.

300 ब्लाइंड स्पॉट पर पुलिस तैनात'
जब इस मामले में हमने रायपुर की एडिशनल एसपी अमृता सोरी ध्रुव से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि रायपुर के 33 थानों के 300 ऐसे ब्लाइंड स्पॉट ढूंढे गए हैं, जहां पर लोगों का आना-जाना कम हो साथ ही स्ट्रीट लाइट भी न हो. ऐसी जगहों पर पुलिस लगातार रात को गस्त करेगी. साथ ही पुलिस बल में एक महिला कॉन्स्टेबल भी सहयोग के लिए साथ में रहेगी.

'गुड टच बैड टच की जानकारी'
बता दें कि पुलिस की आईयूसीडब्ल्यू की टीम की ओर से शहर सहित आसपास के गांव के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही प्राइमरी स्कूल के बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में भी बताया जा रहा है. स्कूल की बच्चियों को कार्यशाला आयोजित कर ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वह ऐसी किसी भी स्थिति उत्पन्न होने पर उनका सामना कर सके. लड़कों के लिए भी कार्यशाला आयोजित कर उन्हें कानून के बारे में बताया जा रहा है ताकि वह किसी तरह की गलती न करें.

'112 हेल्पलाइन नंबर चालू'
बता दें कि पुलिस द्वारा 112 हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया गया है, जिसमें रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अगर महिलाओं को कहीं भी कुछ खतरा महसूस हो या डर लगे तो महिलाएं कभी भी पुलिस को फोन करके बुला सकती हैं.

रायपुर : राजधानी में बढ़ते क्राइम को लेकर लगातार रायपुरवासी आवाज उठा रहे हैं. वहीं राज्य सरकार की मानें, तो पुलिस अपना दायित्व भी बखूबी निभा रही हैं, लेकिन रायपुर की युवतियां आज खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं. ETV भारत ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनसे सीधे बात की और उनसे जानने की कोशिश कि, वे खुद को कितना सुरक्षित मानती हैं. इसके जवाब में महिलाओं ने कहा कि शाम होते ही रायपुर की कई ऐसी जगह हैं जहां पर महिलाओं को जाने में डर लगता है.

रायपुर में कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं

उन्होंने कहा कि अंडरब्रिज या रायपुर के कुछ आउटर साइड जहां अक्सर कम लोग जाया करते हैं, वहां से गुजरने के दौरान वे अक्सर डरती हैं. महिलाओं ने बताया कि पुलिस की ओर से काफी कोशिशें की जा रही है कि महिला को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. बावजूद इसके शहर में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले कम नहीं हो रहे हैं.

300 ब्लाइंड स्पॉट पर पुलिस तैनात'
जब इस मामले में हमने रायपुर की एडिशनल एसपी अमृता सोरी ध्रुव से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि रायपुर के 33 थानों के 300 ऐसे ब्लाइंड स्पॉट ढूंढे गए हैं, जहां पर लोगों का आना-जाना कम हो साथ ही स्ट्रीट लाइट भी न हो. ऐसी जगहों पर पुलिस लगातार रात को गस्त करेगी. साथ ही पुलिस बल में एक महिला कॉन्स्टेबल भी सहयोग के लिए साथ में रहेगी.

'गुड टच बैड टच की जानकारी'
बता दें कि पुलिस की आईयूसीडब्ल्यू की टीम की ओर से शहर सहित आसपास के गांव के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही प्राइमरी स्कूल के बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में भी बताया जा रहा है. स्कूल की बच्चियों को कार्यशाला आयोजित कर ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वह ऐसी किसी भी स्थिति उत्पन्न होने पर उनका सामना कर सके. लड़कों के लिए भी कार्यशाला आयोजित कर उन्हें कानून के बारे में बताया जा रहा है ताकि वह किसी तरह की गलती न करें.

'112 हेल्पलाइन नंबर चालू'
बता दें कि पुलिस द्वारा 112 हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया गया है, जिसमें रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अगर महिलाओं को कहीं भी कुछ खतरा महसूस हो या डर लगे तो महिलाएं कभी भी पुलिस को फोन करके बुला सकती हैं.

Intro:छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में महिलाओं को लेकर लगातार दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसको रोकने में पुलिस भी असमर्थ दिखाई दे रही है। रायपुर शहर में भी ऐसे कई स्थान है जहां पर दिन में काफी चहल-पहल होती है पर ढलते हुए शाम के साथ ही सड़के सुनसान होने लगती है और महिलाओं के लिए खतरा बढ़ने लगता है।

जब ईटीवी भारत ने महिलाओं से बात की तो महिलाओं का कहना है कि



Body:रायपुर की महिलाओं का कहना है कि दिन में तो मार्केट में गड़बड़ होने के वजह से वह किसी तरह की घबराहट और किसी तरह का डर नहीं रहता है पर शाम होते होते रायपुर के ऐसे कई जगह है जहां पर महिलाओं को जाने में डर लगता है जैसे कि अंडर ब्रिज या रायपुर के कुछ आफ्टर साइड जहां अक्सर कम लोग जाए करते हैं वहां से गुजरने के दौरान महिलाओं को अक्सर डर लगता है महिलाओं ने बताया कि पुलिस द्वारा काफी कोशिशें की जा रही है कि महिला को सुरक्षा मुहैया कराई जाए बावजूद इसके शहर में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं पुलिस द्वारा 112 हेल्पलाइन नंबर भी चालू किया गया है जिसमें रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अगर महिलाओं को कहीं भी कुछ खतरा महसूस हो या डर लगे तो महिलाएं कभी भी पुलिस को फोन करके बुला सकती हैं।

वही एडिशनल असपी रायपुर अमृता सोरी ध्रुव द्वारा बताया गया कि महिलाओं के साथ बड़ रहे दुष्कर्म को देखते हुए रायपुर के 33 थानों के 300 ऐसे ब्लाइंड स्पॉट ढूंढे गए हैं जहां पर लोगों का आवागमन कम हो साथ ही स्ट्रीट लाइट भी ना हो ऐसी जगहों पर पुलिस द्वारा लगातार रात को गस्त किए जाएंगे साथ ही पुलिस बल में एक महिला कॉन्स्टेबल भी सहयोग के लिए साथ होंगी इसके साथ ही पुलिस की आईयुसीडब्ल्यू की टीम द्वारा शहर सहित आसपास के गांव के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है साथ ही प्राइमरी स्कूल के बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताया जाता है और स्कूल की बच्चियों को कार्यशाला आयोजित कर ट्रेनिंग दी जाती है जिससे वह ऐसी किसी भी स्थिति उत्पन्न होने पर उनका सामना कर पाए। लड़कों के लिए भी कार्यशाला आयोजित कर उन्हें कानून के बारे में बताया जाता है जिससे वह किसी तरह की गलती ना करें।




Conclusion:पूरे देश में महिलाओं को लेकर दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं जिसको लेकर अब महिलाएं भी घर से निकलने में सेफ महसूस नहीं कर रही हैं दिन में तो फिर भी बाजारों और शहरों में रौनक रहती है जिससे महिलाएं घर से निकल पाती हैं पर ढलते हुए शाम के साथ सड़के सुनसान होने लगती है तब महिलाओं के लिए खतरा बढ़ता जाता है।


बाइट :- ममता प्रधान (स्टूडेंट , ब्लू टॉप)

बाइट :- नेहाल तिवारी (स्टूडेंट , ब्लैक टॉप)

बाइट :- अमृता सोरी ध्रुव एडिशनल असपी रायपुर
Last Updated : Dec 14, 2019, 8:29 PM IST
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