रायपुर: खाने के बाद कुछ मीठा खाना सबको पसंद है. पार्टी हो, इंगेजमेंट या फिर शादी...आज के समय में केक हर सेलिब्रेशन की जान है. लेकिन केक में मैदा और चीनी काफी मात्रा में डाला जाता है, जो कि सेहत के लिए काफी खराब होता है. ऐसे में आज हम आपको स्व सहायता समूह की महिलाओं से मिलाने जा रहे हैं जो काले चावल, रागी और कोदो से शुगर फ्री केक बनाती हैं.ये केक बनाकर न सिर्फ महिलाएं खुद सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने साथ-साथ दूसरे महिलाओं के लिए मिसाल बन रही (Women making sugar free cake with black rice in Raipur ) हैं. ईटीवी भारत ने स्व सहायता समूह की महिलाओं से बात की.
इस केक में क्या है खास ?
स्व सहायता समूह की अध्यक्ष टिकेश्वरी सिन्हा ने बताया कि केक बनाना हमने अभी शुरू किया है लेकिन इसकी तैयारी 2015 से ही हम कर रहे थे. पहले हमने अलग-अलग बहुत सारी चीजें बनाई. सबसे पहले हमने कोदो राइस, रेड राइस, ब्लैक राइस का पाउच बनाकर बेचना शुरू किया. इस तरह के राइस में फायदे बहुत होते हैं, लेकिन इस तरह की राइस थोड़ी सख्त होती है. इसलिए इसकी डिमांड कम थी और इसे लोग भी कम खरीद रहे थे. जिसके बाद हमने बिस्किट, डोसा, उत्तपम बनाकर भी बेचा उसके बाद भी हमें मार्केट नहीं मिल पा रहा था. खुले में महिलाओं को काम करने में परेशानी भी हो रही थी, जिसके बाद हमने केक बनाने का काम किया. हमें इसको लेकर काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. लोगों को भी यह काफी पसंद आ रहा है, हालांकि अभी हमने शुरुआत की है. आगे इसको हम और बड़े स्तर पर ले जाएंगे लेकिन अभी से ही दूसरे राज्यों से भी डिमांड आनी शुरू हो गई है.
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स्व सहायता समूह की सचिव ममता प्रधान ने बताया कि हमें इसकी शुरूआत करने में काफी मुश्किलें आई. अभी भी काफी चैलेंज है क्योंकि हम जो बना रहे हैं, उसमें औषधीय गुण तो काफी है. लेकिन लोगों को इसके बारे में बताना और मार्केटिंग करना काफी मुश्किल होगा. जिसके लिए हम और हमारी बहनें पूरी तरह तैयार हैं. फिलहाल हम सोशल मीडिया के थ्रू मार्केटिंग कर रहे हैं लेकिन आगे चलकर हम अन्य तरीके से भी इसकी मार्केटिंग करेंगे. अभी से ही इसकी डिमांड काफी ज्यादा है. दूसरे राज्यों से भी इसकी डिमांड आ रही है. हमें भरोसा है कि हेल्दी के साथ-साथ सबके लिए यह बहुत फायदेमंद भी साबित होगा. आगे इसकी डिमांड बहुत ज्यादा होगी.
स्व सहायता समूह की महिलाओं को हो रहे फायदे
- स्व सहायता समूह में अभी 12 महिलाएं हैं और अभी तक 40 और महिलाएं इस स्टार्टअप से जुड़ी चुकी हैं.
- स्व सहायता समूह में कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जो जिन्होंने कोरोना काल के दौरान अपने पति को खो दिया है उन्हें समूह में शामिल कर रोजगार दिया जा रहा है.
- केक को कोदो , कुटकी, ब्लैक राइस , रागी से बनाया जाता है.
- केक में स्टीविया यूज करने से केक शुगर-फ्री भी रहता है.
- कोदो , कुटकी, रागी और ब्लैक राइस में औषधीय गुण भी रहते हैं. जिससे वह सेहत के लिए काफी अच्छा रहता है.
- फिलहाल केक में फ्लेवर और कलर देने के लिए आर्टिफिशियल फ्लेवर और कलर का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आगे चलकर हम इसको भी नेचुरल करेंगे और फ्रूट पल्प से इसकी गार्निशिंन करेंगे.